Ranchi: नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट खारिज किए जाने के बाद, झारखंड में कांग्रेस ने राजनीतिक मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार दोपहर प्रदेश कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता रांची स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय के बाहर विरोध के लिए पहुंच गए और जमकर नारेबाज़ी की. यह विरोध मार्च हरमू मैदान से शुरू हुआ, जहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे. मार्च में शामिल कार्यकर्ताओं ने कोर्ट के फैसले को “सत्य की जीत” बताते हुए कहा कि ईडी की चार्जशीट राजनीतिक उद्देश्य से दायर की गई थी और इसका उद्देश्य कांग्रेस नेतृत्व को दबाव में लाना था.
“दबाव में काम कर रही जांच एजेंसियां”
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने वर्षों से केंद्रीय एजेंसियों का प्रयोग विपक्षी नेताओं को घेरने में किया. पार्टी का कहना है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम जिस तरह चार्जशीट में शामिल किया गया, वह राजनीतिक दुर्भावना का परिणाम था. कोर्ट का फैसला आने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि इससे साबित होता है कि जांच एजेंसियां सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रही थीं.
पुलिस-प्रदर्शनकारियों ने हल्की झड़प
मार्च के दौरान रांची पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी थी. हरमू चौक और आसपास के हिस्सों में बैरिकेड लगाए गए. कार्यकर्ताओं के बढ़ते दबाव के बीच पुलिस को कुछ देर भीड़ रोकनी पड़ी. विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ कार्यकर्ता बैरिकेड पार कर भाजपा कार्यालय के मुख्य द्वार तक पहुंचने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने रोकते हुए उन्हें पीछे किया. इस बीच हल्की धक्का-मुक्की देखी गई, हालांकि किसी प्रकार की बड़ी झड़प की सूचना नहीं है.
लड़ाई जारी रहेगी
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह विरोध केवल कोर्ट फैसले के स्वागत का हिस्सा नहीं, बल्कि केंद्र की नीतियों के खिलाफ प्रतिक्रिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष को कमजोर करने और नेताओं पर दबाव डालने के लिए ईडी, सीबीआई और अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने साफ किया कि एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी, और वे कोर्ट के फैसले को विपक्ष की आवाज़ के लिए सकारात्मक संकेत मानते हैं.



