बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. घटना के बाद यह विवाद राजनीतिक, सामाजिक और अब अंतरराष्ट्रीय बहस तक पहुंच गया है. एक ओर जम्मू–कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने नीतीश कुमार के रवैये की आलोचना की, वहीं सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के कुख्यात अपराधी शहजाद भट्टी ने वीडियो संदेश जारी कर धमकी देने का दावा किया है. दूसरी ओर, विवाद में फंसी महिला डॉक्टर reportedly बिहार छोड़ चुकी हैं और फिलहाल नौकरी ज्वॉइन न करने का निर्णय लिया है.
उमर का निशाना—“नीतीश अब असली रंग दिखा रहे हैं”
हिजाब विवाद पर उमर अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री का व्यवहार किसी भी लिहाज से उचित नहीं ठहराया जा सकता. अब्दुल्ला के अनुसार, सार्वजनिक कार्यक्रम में एक महिला का चेहरा ढंकने पर टिप्पणी करना और फिर हिजाब हटाना व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गरिमा के खिलाफ है. अब्दुल्ला ने कहा कि कभी सेक्युलर राजनीति की छवि रखने वाले नीतीश कुमार अब ऐसा आचरण कर रहे हैं, जो उनकी छवि से मेल नहीं खाता. उन्होंने इस घटना की तुलना पुरानी राजनीतिक घटनाओं से भी की, जहां चुनाव के दौरान बुर्का हटाने को लेकर विवाद सामने आया था.
कार्यक्रम में क्या हुआ था?
यह पूरा विवाद पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित एक नियुक्ति वितरण समारोह से जुड़ा है. हजार से अधिक आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे थे. कथित तौर पर जब नुसरत परवीन नाम की डॉक्टर मंच पर पहुंचीं, तो नीतीश कुमार ने उनके चेहरे की ओर इशारा करते हुए पूछा “यह क्या है?” और फिर वहां मौजूद दर्शकों के सामने हिजाब हटाने की मांग की. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी—क्या मुख्यमंत्री ने अधिकार की सीमाएं लांघ दीं?
पाकिस्तानी डॉन का वीडियो: धमकी या ड्रामा?
विवाद यहीं नहीं रुका. सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि पाकिस्तान का अपराधी शहजाद भट्टी ने वीडियो जारी करके नीतीश कुमार को “माफी मांगने” की चेतावनी दी है. वीडियो में भट्टी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने एक मुस्लिम महिला और उनकी बच्ची का अपमान किया है और यदि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी, तो “नतीजे भुगतने होंगे.” हालांकि, भारत में राजनीतिक विश्लेषक इसे सिर्फ डिजिटल धमकी बताते हैं, जिसका ज़मीनी प्रभाव नहीं माना जा रहा.
परिवार के साथ कोलकाता पहुंचीं डॉक्टर
विवाद के केंद्र में रहने वाली डॉक्टर नुसरत परवीन फिलहाल बिहार छोड़ चुकी हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना के अगले ही दिन उन्होंने अपने परिवार को फोन किया और मानसिक दबाव की स्थिति में कोलकाता चली गईं. खबर यह भी है कि उन्हें 20 दिसंबर को नौकरी ज्वॉइन करनी थी, लेकिन मौजूदा माहौल को देखते हुए उन्होंने फिलहाल अपनी नियुक्ति रोक दी है. परिवार उन्हें नौकरी ज्वॉइन करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन डॉक्टर फिलहाल सुरक्षित वातावरण में रहना चाहती हैं.



