New Delhi: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा से जुड़ा एक मामला आज राज्यसभा में उठा, जिसपर सत्ता पक्ष की ओर से शेम-शेम के नारे लगे. मामला अक्टूबर महीने का है, जब चाईबासा में NH-220 पर नो-एंट्री की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों पर लाठीचार्ज हुआ था. इसके बाद मधु कोड़ा डीसी के पास पहुंचे, जहां डीसी चंदन कुमार ने मधु कोड़ा को बेइज्जत कर दिया था. सदन में यह मामला बीजेपी के राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने उठाया.
रात के अंधेरे में बरसाई गई लाठियां
आदित्य साहू ने सदन में कहा कि 27 अक्टूबर को चाईबासा में लोग नो इंट्री की मांग को लेकर परिवहन मंत्री से मिलने गये थे. दिनभर उनसे कोई नहीं मिला और फिर अचानक रात के अंधेरे में लोगों पर लाठियां बरसाई गई. 75 लोगों पर नेम्ड एफआईआर और 500 अज्ञात लोगों पर एफआईआर हुआ. कई लोग गिरफ्तार किये गये. इसी मामले को लेकर मधु कोड़ा डीसी से मिलने गये थे जहां डीसी ने उनसे बदतमीजी की.
किसने दिया अत्याचार का अधिकार?
आदित्य साहू ने आगे कहा कि जिस भी प्रदेश में कांग्रेस के समर्थन से सरकार चलती है वहां, दलित, आदिवासी, पिछड़ा समेत समाज के सभी वर्गों पर अत्याचार होता है. कांग्रेस-जेएमएम की सरकार को आदिवासियों पर अत्याचार करने का अधिकार किसने दिया?
क्या है मामला
28 अक्टूबर को मधु कोड़ा अपने समर्थकों के साथ डीसी चंदन कुमार के कार्यालय में पहुंचे थे. इस दौरान डीसी ने उन्हें तरजीह नहीं दी, जिससे कोड़ा भड़क गये. इसपर डीसी ने कहा कि नेता लोग जैसे ही कैमरा को देखते हैं उनका आवाज तेज हो जाता है. वहीं डीसी की यह बात सुनते ही मधु कोड़ा फिर बिगड़ गये और कहा देखिये नेता है न तबे देश बचा हुआ है. महात्मा गांधी नहीं होते तो देश आजाद नहीं हुआ होता. आप नेता को गाली दे रहे हैं.



