पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह क्या जल्द ही फिर से कांग्रेस में वापसी करने वाले हैं. यह सवाल उठ रहा है कैप्टन अमरिंदर के एक इंटरव्यू में दिये बयान के बाद, जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि बीजेपी में फैसले दिल्ली में लिए जाते हैं और उन्हें किसी भी निर्णय में शामिल नहीं किया जाता. हालांकि उन्होंने यह कहा कि कांग्रेस में दोबारा शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं उठता, लेकिन उनके बयान के बाद सियासत गरमा गई है.
बीजेपी हाईकमान से मिलना मुश्किल
अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस का सिस्टम ज्यादा लोकतांत्रिक था. पार्टी में नेताओं से सलाह ली जाती थी और हाईकमान तक पहुंचना आसान था. जबकि, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मिलना कांग्रेस हाईकमान से मिलने की तुलना में ज्यादा मुश्किल है. साथ ही बीजेपी अपने फैसले सार्वजनिक नहीं करती और जमीनी स्तर के नेताओं से चर्चा के बिना ही निर्णय ले लिए जाते हैं. वैसे उन्होंने पीएम मोदी की खुलकर तारीफ की और कहा कि उन्हें पंजाब के लिए खास लगाव है और वे राज्य के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं.
पंजाब में BJP को करना चाहिए SAD से गठबंधन
इंटरव्यू के दौरान कैप्टन अमरिंदर ने कहा, “मुझसे बीजेपी में कोई सलाह नहीं ली जाती. मेरे पास 60 साल का राजनीतिक अनुभव है, लेकिन मैं खुद को पार्टी पर थोप नहीं सकता.” उन्होंने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए जिस तरह उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, उससे उन्हें आज भी गहरी पीड़ा है. यह अनुभव उनके लिए बेहद कष्टदायक रहा. पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी कभी उनसे मदद मांगेंगी, तो वे उनकी सहायता जरूर करेंगे, लेकिन राजनीतिक रूप से नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में कोई भी सरकार गठबंधन के बिना नहीं बन सकती. बीजेपी को पंजाब में आगे बढ़ने के लिए शिरोमणि अकाली दल (SAD) के साथ फिर से गठबंधन करना होगा.



