नेपाल में Facebook-Insta बैन के खिलाफ Gen Z का हिंसक प्रदर्शन, संसद में घुसे प्रदर्शनकारी, कई इलाकों में कर्फ्यू

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (57)-myb4yXAwZd.jpg

नेपाल में फेसबुक, यू-ट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर बैन के विरोध में Gen Z ने सरकार के खिलाफ संग्राम छेड़ दिया है. सोमवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में युवाओं ने ओली सरकार के खिलाफ बगावत कर दी. हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. कर्फ्यू के प्रदर्शनकारी संसद में घुस गये. इस प्रोटेस्ट में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हैं. प्रदर्शनकारियों ने संसद की इमारत के गेट नंबर 2 के पास आग लगा दी. पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, लेकिन गुस्साए युवाओं ने पेड़ की टहनियों और पानी की बोतलों से जवानों पर पलटवार किया है. कई प्रदर्शनकारियों ने संसद परिसर तक पहुंचने में भी कामयाबी हासिल कर ली. प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास, शीतल निवास क्षेत्र, महाराजगंज, लैंचौर में उपराष्ट्रपति आवास, सिंह दरबार के सभी हिस्से, बलुवाटार में प्रधानमंत्री आवास और आसपास के क्षेत्र में मौजूद हैं.

इमरजेंसी बैठक बुलाई गई

काठमांडू में Gen-Z प्रोटेस्ट के उग्र होने के बाद नेपाली सेना की तैनाती के आदेश दिए गए हैं. नेपाल सरकार ने मौजूदा स्थिति का आकलन करने के लिए इमरजेंसी सुरक्षा बैठक बुलाई है. रात 10 बजे तक के लिए काठमांडू में कर्फ्यू लगा दिया है. चार जिलों में किसी के भी प्रवेश या निकास, किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, प्रदर्शन, सभा, बैठक या घेराबंदी करने पर प्रतिबंध है. वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत-नेपाल बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.  SSB ने भारत नेपाल बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है. 

4 सितंबर को बैन किये गये थे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म

नेपाल सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया अकाउंट पर प्रतिबंध लगाने से नाराज युवाओं ने 8 सितंबर से Gen-Z रिवोल्यूशन के नाम से प्रदर्शन शुरू किया है. प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, वॉट्सऐप, रेडिट और X जैसे 26 सोशल मीडिया ऐप्स पर बैन लगा दिया था. सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पर लगा ये बैन तभी हटेगा, जब ये कंपनियां नेपाल में अपना ऑफिस खोल लें, सरकार के सामने रजिस्ट्रेशन कराएं और गड़बड़ी रोकने के लिए सिस्टम बनाएं. गौरतलब है कि नेपाल में अब तक सिर्फ टिकटॉक, वाइबर, निम्बज, विटक और पोपो लाइव ने ही कंपनी रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराया है.  सरकार का तर्क है कि सोशल मीडिया पर अनियंत्रित कंटेंट जैसे फर्जी खबरें, उकसाने वाले कंटेंट और अवैध गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए यह जरूरी था. हालांकि, इस फैसले की व्यापक आलोचना हुई है क्योंकि इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला माना जा रहा है. 

 

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