पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बड़ा खुलासा किया है. करीब आठ महीने की गहन और वैज्ञानिक जांच के बाद NIA ने इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट में साफ तौर पर कहा गया है कि इस हमले की साजिश सीमा पार पाकिस्तान में रची गई थी और इसे अंजाम देने में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके फ्रंट संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट की अहम भूमिका रही. चार्जशीट में पाकिस्तान में बैठे कुख्यात आतंकी हैंडलर साजिद जट्ट को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है. साजिद जट्ट पर भारत सरकार ने दस लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है और वह NIA की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल है.
कौन है साजिद जट्ट
जांच एजेंसी के मुताबिक साजिद जट्ट एक पाकिस्तानी नागरिक है और पंजाब प्रांत के कसूर जिले का रहने वाला है. उसका असली नाम हबीबुल्लाह मलिक है, लेकिन वह कई उपनामों से आतंक की दुनिया में सक्रिय रहा है. इनमें सैफुल्लाह, नूमी, नुमान, अली साजिद और उस्मान हबीब जैसे नाम शामिल हैं. अक्टूबर 2022 में भारत सरकार ने उसे गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत व्यक्तिगत आतंकी घोषित किया था. NIA का कहना है कि साजिद जट्ट लश्कर-ए-तैयबा और TRF के लिए शीर्ष स्तर पर ऑपरेशनल और लॉजिस्टिक सपोर्ट देता रहा है.
कई बड़े हमलों से जुड़ा नाम
NIA की जांच में सामने आया है कि साजिद जट्ट का नाम बीते कुछ वर्षों में हुए कई बड़े आतंकी हमलों से जुड़ा रहा है. इनमें राजौरी का धांगरी नरसंहार, पुंछ में भारतीय वायुसेना के काफिले पर हमला, रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला और अप्रैल 2025 में हुआ पहलगाम आतंकी हमला शामिल है. जांच एजेंसी का दावा है कि इन घटनाओं की साजिश और दिशा-निर्देश पाकिस्तान से दिए गए थे.
पहलगाम हमला कैसे रचा गया
चार्जशीट के अनुसार पहलगाम के बायसरन इलाके में किया गया यह हमला पूरी तरह टारगेटेड था. आतंकियों ने लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया. इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे. NIA ने बताया कि आतंकियों को स्थानीय स्तर पर पनाह देने और रसद उपलब्ध कराने में कुछ लोगों ने मदद की. इसी कड़ी में परवेज अहमद और बशीर अहमद जोठार को गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में दोनों ने आतंकियों की पहचान की पुष्टि की और उनके पाकिस्तानी होने की जानकारी दी.
चार्जशीट की अहम बातें
करीब 1,300 से 1,600 पन्नों की इस चार्जशीट में पहली बार लश्कर-ए-तैयबा और TRF को एक संगठित आतंकी इकाई के तौर पर आरोपी बनाया गया है. NIA का कहना है कि इन संगठनों ने हमले की योजना बनाई, आतंकियों को प्रशिक्षण दिया और पूरी साजिश को अंजाम तक पहुंचाया. चार्जशीट में भारतीय न्याय संहिता, आर्म्स एक्ट और UAPA की कई धाराएं लगाई गई हैं. साथ ही भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़ी धाराओं का भी उल्लेख किया गया है.
ऑपरेशन महादेव और आतंकियों का खात्मा
जुलाई 2025 में सुरक्षाबलों ने श्रीनगर के दाचीगाम इलाके में ऑपरेशन महादेव के तहत तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था. इनमें फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी शामिल थे. NIA ने इन्हें भी इस मामले में आरोपी बताया है. सुरक्षाबलों के अनुसार ये तीनों आतंकी पहलगाम हमले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे और पाकिस्तान से निर्देश लेकर काम कर रहे थे.
पाकिस्तान कनेक्शन पर NIA का दावा
NIA ने अपनी जांच में यह निष्कर्ष निकाला है कि यह पूरा नेटवर्क पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा था. एजेंसी का कहना है कि आतंकवाद को भारत के खिलाफ एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की रणनीति लगातार अपनाई जा रही है.



