रांची
:
झारखंड उत्पाद विभाग के सिपाही भर्ती परीक्षा में अबतक
12
अभ्यर्थियों की मौत हो चुकी है
.
पलामू में उत्पाद सिपाही बहाली में दौड़ लगाने वाले युवक दीपक पासवान की आज मौत हो गई
. 25
वर्ष का दीपक
28
अगस्त को दौड़ लगाने के दौरान बेहोश हो गया था
.
दीपक ने नौ किलोमीटर की दौड़ पूरी कर ली थी
.
दसवें किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के दौरान वह बेहोश होकर गिर गया था
.
पुलिस ने दीपक को डाल्टनगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया था
.
बाद में उसकी हालत गंभीर देखते हुए राँची के मेदांता में भर्ती कराया गया था
.
इलाज के दौरान आज सुबह उसकी मौत हो गई
.
दीपक पलामू जिला के पांडु थाना क्षेत्र के वृद्धखैरा गांव का रहने वाला था
.
22
अगस्त से चल रही है भर्ती दौड़
राज्य में इस नियुक्ति के लिए
22
अगस्त से चल रही शारीरिक जांच परीक्षा में
100
से अधिक अभ्यर्थी बेहोश होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं
,
जिनमें दर्जनों लोग अभी भी जगह
-
जगह इलाजरत हैं
.
डाक्टरों का कहना है कि बीमार व बेहोश हुए अभ्यर्थियों के हाव
-
भाव व व्यवहार देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन लोगों ने अपना प्रदर्शन बेहतर करने के लिए क्षमता बढ़ाने वाली स्टेरायड जैसी उत्तेजक दवा
,
इंजेक्शन या एनर्जी ड्रिंक का इस्तेमाल किया है
,
जिसका इनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ा
.
कुछ ने एनर्जी ड्रिंक लेने की बात स्वीकार भी की है
.
वहीं
,
तेज धूप और उमस में घंटों लाइन में खड़े रहने और दौड़ने को भी लोग मौत की वजह बता रहे हैं
.
जिन अभ्यर्थियों की दौड़ के क्रम में मौत हुई है
,
उनके शवों का पोस्टमार्टम कराए जाने के बाद बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है
.
डॉक्टरों के मुताबिक़ बिसरा रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो सकेगा कि मौत की वास्तविक वजह क्या थी
.
अभी प्रारंभिक तौर पर दौड़ के क्रम में दम फूलने और हृदयगति रुकने के कारण मौत की बात सामने आई है
.
हेमंत सोरेन ने अमानवीय काम किया
:
बाबूलाल मरांडी
इस मामले पर बीजेपी ने हेमंत सरकार को घेरा है
.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा के
500
सीटों की बहाली में
2%
से ज़्यादा युवा अपनी जान गंवा चुके हैं
.
ये मरने वाले सभी युवा अपने गरीब परिवार का सहारा थे
,
अपने मां
-
बाप की आंखों का तारा थे
.
सामान्यतः भर्ती प्रक्रिया में पहले लिखित परीक्षा होती है
,
उसके बाद सफल अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए दौड़ का आयोजन किया जाता है
,
लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माहौल बनाने के लिए जल्दीबाजी में बिना किसी तैयारी के
,
बेरोजगारों को तैयारी के लिये मात्र पन्द्रह दिनों का मौका देकर दौड़ का आयोजन कर होनहार युवाओं की बलि ले ली
.
अपनी हवाबाजी दिखाने के लिए हेमंत सोरेन ने एक गैर न्यायिक अमानवीय काम किया है
.
युवाओं के मौत के लिये जिम्मेवार लोगों को चिन्हित करने के लिये न्यायिक आयोग बनाकर जांच करायी जानी चाहिए
.
मृत युवाओं के परिवारों को अविलंब
50-50
लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी दिया जाए
.
अभ्यर्थियों की मौत का यूडी केस दर्ज हुआ है
इस मामले पर पुलिस प्रवक्ता अमोल वी होमकर ने बताया कि अबतक हुई शारीरिक चयन प्रक्रिया में
127732
अभ्यर्थी शामिल हो चुके हैं
,
जिसमें
78023
अभ्यर्थी सफल हुए हैं
.
इसमें
56441
पुरुष अभ्यर्थी जबकि महिला अभ्यर्थीयों की संख्या
21582
रही है
.
उन्होंने बताया कि जिन अभ्यर्थियों की मौत हुई है उसको लेकर यूडी केस दर्ज किया गया है
.
इस मामले की जांच भी की जा रही है ताकि पता चल सके कि अभ्यर्थियों की मौत किन कारणों से हुई
.
मुख्यमंत्री
के
आदेश
के
बाद
बदला
गया
भर्ती
दौड़
का
समय
मामले पर पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं
.
सीएम के आदेश के बाद शनिवार से भर्ती दौड़ का समय बदलकर सुबह चार बजे कर दिया गया है
,
ताकि अभ्यर्थियों को दौड़ के समय तेज धूप का सामना नहीं करना पड़े
.
अब सुबह चार बजे से नौ बजे के बीच ही सभी केंद्रों पर दौड़ हो रही है
,
जबकि पहले यह दौड़ सुबह
6.30
से
11.30
तक हो रही थी
.



