Ranchi: “क्या हुआ तेरा वादा ओ हेमंत सरकार बताइये तो...” यह सवाल है बीजेपी का, विधानसभा के बाहर गाना गाकर बीजेपी की विधायक और पूर्व मंत्री नीरा यादव यह सवाल हेमंत सरकार से पूछ रही थी. झारखंड विधानसभा की शीतकालीन सत्र चल रहा है. विपक्ष रोज नये-नये मुद्दे लेकर सदन के अंदर और सदन के बाहर सरकार को घेर रही है. अब बात वादों तक पहुंच गई है. उन 7 वादों की जो जेएमएम-कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की जनता से की थी.
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी के विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर सरकार को उन वादों की याद दिलाई. बीजेपी ने सरकार से पूछा 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने के वादे क्या हुआ. 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति के वादे का क्या हुआ. क्या हुआ 10 लाख नौकरी के वादे का. सभी प्रखंडों में डिग्री कॉलेज और जिला मुख्यालयों में इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोलने का वादे का क्या हुआ?, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3200 रुपये प्रति क्विंटल करने के वादे का क्या हुआ?
जब बात वादों की निकली तो कांग्रेस-जेएमएम ने केंद्र के बीजेपी सरकार को भी उसके वादों की याद दिला दी जो चुनाव से पहले उसने जनता से की थी. जेएमएम के मंत्री चमरा लिंडा ने कह दिया कि बीजेपी वादों के नाम पर पॉलिटिक्स कर रही है. हमने अपने वादों पर पहल किया है. कांग्रेस विधायक सुरेश बैठा ने कहा कि जरा बीजेपी बताए कि नौजवानों को नौकरी, 15 लाख रुपये, पेट्रोल-डीजल की कीमत घटाने के वादे का क्या हुआ. सवाल उनसे पूछिये कि अपने वादों को कितना अमली जामा पहनाया है. हमने जो वादे किये थे वो धीरे-धीरे पूरे तो कर रही हैं.
वहीं कांग्रेस विधायक ममता देवी ने आरोप लगाया कि जब भी हमारी सरकार कुछ अच्छा करती है तो बीजेपी पैर खींचने का काम करती है. ईडी-सीबीआई लगाकर सरकार को परेशान करती है, ताकी सरकार काम न कर पाए. बीजेपी ने महिलाओं और युवाओं के साथ धोखा किया है. जब सरकार मंईयां को सम्मान देती है तो बीजेपी की पेट में दर्द होता है.



