बिहार के नवादा जिले में मॉब लिंचिंग की एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. कपड़े बेचकर लौट रहे एक 40 वर्षीय युवक को भीड़ ने बेरहमी से पीटा, जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और इलाके में भारी आक्रोश व्याप्त है. मृतक की पहचान नालंदा जिले के बिहारशरीफ निवासी मो. अतहर (40) के रूप में हुई है, जो नवादा के रोह थाना क्षेत्र के मरुई गांव में रहकर कपड़े बेचने का काम करता था. घटना नवादा जिले के भट्ठापर गांव के पास की है.
अतहर साइकिल से कपड़ा बेचकर लौट रहा था, तभी उसकी साइकिल पंचर हो गई. वह पैदल चलने लगा और सड़क किनारे अलाव ताप रहे कुछ लोगों से पंचर बनाने की दुकान के बारे में पूछा. परिजनों के आरोप के अनुसार, अलाव ताप रहे लोगों ने पहले अतहर से छीनतई की कोशिश की. जब अतहर ने इसका विरोध किया, तो हमलावरों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया. हमलावरों ने अतहर को जलती लकड़ी से बुरी तरह पीटा. पीट-पीटकर उनका हाथ तोड़ दिया गया. आरोप है कि पिलास से उनका कान काट दिया गया.
इलाज के दौरान मौत
भीड़ की बेरहमी से अतहर गंभीर रूप से घायल हो गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें नवादा सदर अस्पताल में भर्ती कराया. हालत नाजुक होने पर उन्हें विम्स अस्पताल, पावापुरी रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
पुलिस कार्रवाई और आक्रोश
युवक की मौत के बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई तेज कर दी है. इस मामले में 10 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है, जिनमें से अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मृतक के शव का पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट और एफएसएल टीम की मौजूदगी में कराया गया है.
घटना को लेकर स्थानीय लोगों और AIMIM के नालंदा जिलाध्यक्ष कलीम खान ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए मुआवज़ा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी, और तेज़ व निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया की मांग की है. इस बर्बर घटना ने बिहार में मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता को एक बार फिर रेखांकित किया है.



