रामगढ़: केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आज पतरातू लेक रिसॉर्ट पहुंचे, जहां झारखंड के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार और राज्य पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इस अवसर पर झारखंड में पर्यटन के विकास और नए टूरिज्म पोटेंशियल डेवलप करने पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने झारखंड में चल रही पर्यटन योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि कोविड के बाद लोगों का दुनिया देखने का नजरिया बदला है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक, वाइल्ड लाइफ, वाटर और ट्राइबल टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार झारखंड में पर्यटन विकास की सभी योजनाओं पर हर संभव मदद प्रदान करेगी.
पतरातू डैम में नौका विहार का अनुभव
बैठक समाप्ति के पश्चात् केंद्रीय मंत्री ने पतरातू डैम का दौरा किया और नौका विहार का आनंद उठाया. इस अनुभव ने उन्हें झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटन की संभावनाओं का नया आयाम दिखाया.
कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे का महत्व
केंद्र सरकार के अधिकारियों ने यह भी साझा किया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक है कनेक्टिविटी. पर्यटकों को आसानी से आकर्षणों तक पहुंचाने हेतु बेहतर कनेक्टिविटी के साथ-साथ एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं का विकास भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आने वाले दिनों में एयरपोर्ट की संख्या बढ़ाने और उनके आस-पास के पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की योजना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
राज्य सरकार की नई पहल
राज्य पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में झारखंड ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. उन्होंने बताया कि अब समय आ गया है जब समग्र रूप से एक नई पहल शुरू की जा रही है, जिससे झारखंड को पर्यटन के क्षेत्र में एक विश्व स्तरीय गंतव्य बनाया जा सके. झारखंड को वॉटर बेस्ड टूरिज्म का हब बनाने के लिए केंद्र-राज्य की संयुक्त योजनाओं पर काम किया जाएगा.
आगे का रास्ता
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि देश की अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ते योगदान को ध्यान में रखते हुए, पर्यटन क्षेत्र में भी नए और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. नए प्रोजेक्ट्स और माइक्रो लेवल की योजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा
इस प्रकार, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का पतरातू डैम का दौरा और उनसे प्राप्त दिशानिर्देश झारखंड में पर्यटन विकास के नए अध्याय की ओर संकेत करते हैं, जिससे प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को एक विश्व स्तरीय पहचान मिल सकेगी




