लंबी राजनीतिक चर्चा और अंदरूनी मंथन के बाद महागठबंधन ने आखिरकार अपने मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा कर दी. गुरुवार को पटना के एक होटल में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी सहयोगी दलों ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया, जबकि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी को उप मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया. इसी के साथ गठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए औपचारिक रूप से चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी.
एक मंच पर दिखी एकता, तेजस्वी पर जताया भरोसा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजद, कांग्रेस, वीआईपी, माले, सीपीआई और सीपीएम सहित सभी सहयोगी दलों के शीर्ष नेता एक साथ मंच पर मौजूद थे. नेताओं ने एक स्वर में कहा कि “बिहार अब बदलाव चाहता है और यह बदलाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही संभव है.”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने कहा, “हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि उस व्यवस्था से है जिसने बिहार को पिछड़ेपन में धकेला है. कांग्रेस महागठबंधन के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है.”
तेजस्वी यादव बोले — “अब नई सोच और नए बिहार का समय”
मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद तेजस्वी यादव ने सभी सहयोगी दलों का आभार जताया और कहा, “हमारा लक्ष्य बिहार को बेरोजगारी, पलायन और भ्रष्टाचार से मुक्त करना है. युवाओं को अवसर, किसानों को सम्मान और गरीबों को हक़ दिलाना हमारी प्राथमिकता होगी.”
तेजस्वी ने नीतीश कुमार और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “बीते 20 सालों से डबल इंजन की सरकार ने बिहार को पिछड़ा बनाकर रखा है. इस बार जनता बदलाव चाहती है. भाजपा खुद नीतीश कुमार के नाम से अब दूरी बना रही है, यही उनकी हार की शुरुआत है.”
गठबंधन का साझा विज़न — विकास और सामाजिक संतुलन
तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन अब सिर्फ एक राजनीतिक गठबंधन नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य का साझा विज़न है. उन्होंने वादा किया कि नई सरकार बनने पर हर जिले में शिक्षा, उद्योग और रोजगार के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी. डिप्टी सीएम पद पर मुकेश सहनी की नियुक्ति को सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन के रूप में देखा जा रहा है. सहनी ने कहा, “अब कोई समाज उपेक्षित महसूस नहीं करेगा. हम सब मिलकर बिहार को विकास की नई राह पर ले जाएंगे.”
एनडीए पर विपक्ष का हमला
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नेताओं ने एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “एनडीए ने बिहार को सिर्फ नारों और घोषणाओं में उलझाकर रखा है, जबकि धरातल पर कोई बदलाव नहीं हुआ.”
वहीं माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा, “महागठबंधन गरीबों, किसानों, मजदूरों और युवाओं की आवाज़ है, जबकि एनडीए सिर्फ कॉरपोरेट और ठेकेदारों की राजनीति करती है.”
इस घोषणा के साथ ही बिहार की राजनीति में नई हलचल तेज हो गई है और महागठबंधन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वह एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है.





