रांची :
“मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्यभर की महिलाओं के लिए मंईयां सम्मान योजना चला रहे हैं
,
लेकिन कम से कम अपने घर के लिए बच्चा योजना ही चला दें. ताकी सोरेन परिवार के दो बच्चों की परवरिश हो जाए”. यह कहना है मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चचेरे भाई नित्यानंद सोरेन की पत्नी अंजली सोरेन का. अपनी
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साल की छोटी सी बेटी को लेकर अंजली सोमवार को कड़कड़ाती ठंड और बारिश के बीच इस उम्मीद से विधानसभा पहुंची थीं कि शायद हेमंत भैया से मुलाकात हो जाए. कई घंटे विधानसभा के इस गेट से उस गेट के चक्कर लगाती रहीं
,
लेकिन मुख्यमंत्री नहीं मिले. विधानसभा परिसर में मौजूद सुरक्षाकर्मियों को जब अंजली के बारे में पता चला तो उन्हें जबरदस्ती परिसर से बाहर निकाल दिया गया.
अंजली सोरेन ने कहा कि वो अपने बच्चों के लिए मुख्यमंत्री से उनका हक मांगने आई हैं. कहा कि हेमंत सोरेन पहले बच्चों की पढ़ाई लिखाई के नाम पर
10
हजार रुपये देते थे
,
लेकिन अब वह भी देना बंद हो गया. अंजली ने बताया वो अपने बच्चों के साथ बोकारो में रहती हैं. पति नित्यानंद सोरेन के परिवार से अलग होकर उसी क्वार्टर के उपर के तल्ले में अपने बच्चों के साथ रहती हैं. बेटा अपने पिता के संगत में रहकर बुरी आदतें सीख गया था इसलिए उसे हॉस्टल में डालना पड़ा. दो बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी है. पहले जेएमएम में थीं
,
लेकिन गेम कर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. अब न कोई नौकरी है
,
न व्यवसाय ऐसे में दो बच्चों की परवरिश आखिर कैसे होगी. इसलिए हेमंत सोरेन से मिलने आई हैं कि जो
10
हजार रुपये मिल रहे थे कम से कम उसे शुरू कर दिया जाए और कहीं नौकरी या बिजनेस दिलवाया जाए.
अंजली सोरेन इससे पहले भी अगस्त
2023
में बोकारो के सेक्टर
6
थाना में पति नित्यानंद सोरेन
,
सास और दो देवर के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करा चुकी हैं
,
लेकिन उस वक्त तक अंजली को
10
हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा के लिए मिलते थे. अब वह पैसा मिलना बंद होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. हेमंत सोरेन की सरकार इस महीने से करीब
57
लाख मंईयां को हर महीने
2500
रुपये देगी. यानी हर महीने करीब
7314 करोड़ा
से भी ज्यादा राशि महिलाओं को देने में खर्च होंगे
,
लेकिन दुख की बात ये है कि हेमंत सोरेन के परिवार की ही एक मंइयां महज हर महीने
10
हजार रुपये के लिए ठोकरें खा रही है.




