New Delhi: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी को वोटर लिस्ट में जालसाजी मामले में नोटिस जारी किया है. यह नोटिस उस याचिका पर आया है, जिसमें दावा किया गया है कि सोनिया गांधी का नाम 1980–81 की वोटर लिस्ट में गलत तरीके से जोड़ा गया था. कथित रूप से भारतीय नागरिकता हासिल करने से पहले उनका नाम नई दिल्ली की मतदाता सूची में शामिल कर दिया गया था. कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2026 को करेगा.
1983 में नागरिकता मिली, 80 में वोटर लिस्ट में नाम
सोनिया गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद उस समय उठा जब वकील विकास त्रिपाठी ने कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर की. उनका आरोप है कि सोनिया गांधी को 30 अप्रैल 1983 को भारत की नागरिकता मिली, लेकिन इसके तीन साल पहले 1980 की मतदाता सूची में उनका नाम पहले से मौजूद था. त्रिपाठी ने याचिका में यह भी जिक्र किया कि 1982 में सोनिया गांधी का नाम सूची से हटा दिया गया और 1983 में नागरिकता मिलने के बाद दोबारा जोड़ा गया. इन तीनों चरणों, पहले जोड़ना, फिर हटाना और बाद में दोबारा शामिल करने की प्रक्रिया को याचिकाकर्ता ने गंभीर अनियमितता बताया है.
कोर्ट ने मामला देखने योग्य माना
सितंबर 2025 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस शिकायत को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता अपने आरोपों के लिए पर्याप्त और ठोस प्रमाण पेश नहीं कर सका. अदालत ने माना था कि FIR दर्ज कराने का आधार कमजोर है और उपलब्ध तथ्यों से कोई स्पष्ट अपराध नहीं बनता. इसके बाद मामले में फिर से रिवीजन पिटीशन दाखिल हुआ. इस पिटीशन में मजिस्ट्रेट के सितंबर के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें 1980-81 के इलेक्टोरल रोल में गलत तरीके से नाम शामिल करने का आरोप लगाने वाली एक शिकायत खारिज कर दी गई थी. अब रिवीजन पिटीशन पर सुनवाई करते हुए राऊज एवेन्यू कोर्ट ने पहली नजर में यह मामला देखने योग्य मानते हुए दोबारा नोटिस जारी कर दिया है. अदालत ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया सुने बिना आगे की प्रक्रिया तय करना उचित नहीं होगा.
क्या है मामला
आरोप है कि वोटर लिस्ट में सोनिया का नाम पहली बार 1980 में जोड़ा गया. उस समय वे इटली की नागरिक थीं. तब गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सरकारी निवास पर रहता था. उस समय इस पते पर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी के नाम थे. 1 जनवरी 1980 में नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की वोटर्स लिस्ट में संशोधन हुआ, जिसमें सोनिया गांधी का नाम पोलिंग स्टेशन 145 में क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया. 1982 में विरोध के बाद उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया था और फिर से 1983 में उनका नाम पोलिंग स्टेशन 140 में क्रम संख्या 236 पर फिर से जोड़ दिया गया. इस संशोधित सूची के लिए योग्यता की तारीख 1 जनवरी 1983 थी, जबकि सोनिया गांधी को भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली थी. यानी वोटर लिस्ट में नाम जोड़े जाने के वक्त वे भारतीय नागरिक नहीं थीं.



