बिहार के खगड़िया जिले के गोगरी में शनिवार देर शाम हुई एक चुनावी जनसभा में राजद एमएलसी कारी शोएब के बयान ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है. मंच पर मौजूद तेजस्वी यादव की उपस्थिति में कारी शोएब ने कहा कि “अगर तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बने, तो वक्फ़ कानून को खत्म कर दिया जाएगा.” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बड़ा विवाद बन गया.
यह जनसभा परबत्ता विधानसभा सीट से राजद प्रत्याशी डॉ. संजीव कुमार के समर्थन में आयोजित की गई थी. अपने जोशीले भाषण में कारी शोएब ने भाजपा–जदयू गठबंधन पर तीखा हमला बोला और कहा कि जो लोग वक्फ़ बिल का समर्थन कर रहे हैं, उनका “इलाज” करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, “जिस दिन तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे, वक्फ़ कानून खत्म कर दिया जाएगा. सारे बिल फाड़कर फेंक दिए जाएंगे. बिहार में सिर्फ इंसानियत और मोहब्बत की सरकार होगी.”
कारी शोएब ने मतदाताओं से भाजपा के “बहकावे” में न आने की अपील करते हुए कहा कि डॉ. संजीव कुमार को विधायक बनाएं ताकि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बन सकें. उनका यह बयान राजनीतिक विरोधियों पर सीधे निशाने के रूप में देखा जा रहा है.
बयान के वायरल होते ही भाजपा ने राजद पर जोरदार हमला बोला. भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए लिखा कि राजद की असली सोच उजागर हो गई है — “कानून तो रहेगा, लेकिन जमीनों पर कब्ज़ा करने की मानसिकता साफ दिख रही है, यही आरजेडी का जंगलराज है.”
वहीं, केंद्रीय मंत्री किरें रिजीजू ने भी सोशल मीडिया पर तीखा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि यह बयान “जंगलराज” की वापसी के संकेत हैं और ऐसे तत्वों को कुचलने की जरूरत है. रिजीजू ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद दोनों ही सुप्रीम कोर्ट और संसदीय संस्थाओं का सम्मान नहीं करते, और बिहार के मतदाता इस मानसिकता को चुनाव में जवाब देंगे.
कारी शोएब के इस बयान ने चुनावी माहौल को और गरमा दिया है. अब यह मुद्दा सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक बहसों तक का केंद्र बन गया है, जहां राजद की नीयत और वक्फ़ कानून पर उसके रुख को लेकर तीखी चर्चाएँ जारी हैं.




