Ranchi:
जेएलकेएम सिर्फ कुड़मियों की पार्टी है. कुड़मियों को खुश करने के लिए एक आदिवासी बेटी को अपमानित किया गया. उसे सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. गंदे-गंदे कमेंट किये जा रहे हैं. यह आरोप लगाया है जेएलकेएम की ही नेत्री निशा भगत ने. दरअसल शनिवार को जयराम महतो ने निशा भगत को जेएलकेएम से निकाल दिया है. कुर्मी समाज के विरोध में बयान देने के कारण उनपर जेएलकेएम की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है. जेएलकेएम के केंद्रीय अध्यक्ष जयराम महतो ने पत्र जारी कर कहा कि निशा भगत ने हाल के दिनों कई मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुर्मी समाज पर भ्रामक और अनुचित बयान दिया है. निशा का यह आचरण पार्टी के नीति, सिद्धांत और अनुशासन के खिलाफ है. इसलिए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाला जाता है. वहीं इस कार्रवाई के बाद निशा भगत ने भी जयराम महतो और जेएलकेएम पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं.
कुड़मियों को खुश करने के लिए आदिवासी बेटी को निकाला
बवाल न्यूज से बातचीत में निशा भगत ने कहा कि झारखंड के लोग सोचते हैं कि जेएलकेएम सभी धर्म के लोगों की पार्टी है, लेकिन जयराम महतो ने इसे गलत साबित कर दिया है. कुड़मियों को खुश करने के लिए उन्होंने आदिवासी बेटी को पार्टी से निकाला है. इससे इनकी मानसिकता का पता चलता है कि ये लोग किसी को खुद से बड़ा नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि कुड़मियों को आदिवासी का दर्जा मिल गया तो ये लोग रूढ़ीवादी परंपरा को मानने वाले बचे-खुचे आदिवासियों को मटियामेट कर देंगे.
आदिवासी पैदा होते हैं, आदिवासी बना नहीं जाता
निशा भगत ने कहा कि आदिवासी पैदा होते हैं. आदिवासी बना नहीं जाता. कुड़मी जाति के लोग कुछ भी कर लें. रेल रोक लें. बस रोक लें या कुतुब मीनार से कूद जाएं ये किसी कीमत पर आदिवासी नहीं बन सकते. जेएलकेएम महिला और आदिवासी विरोधी पार्टी है. निशा ने यह भी कह दिया कि चरित्र हनन करने वालों से डरती नहीं हैं. झारखंड किसी के बाप का नहीं है.





