रांची
:
झारखंड में लंबित नगर निकाय चुनाव के मामले में
रोशनी खलखो की ओर से दायर अवमानना याचिका पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही अगली सुनवाई 7 फरवरी को निर्धारित की गई है. कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आयोग से वोटर लिस्ट देने का समय मांगा था. आज की सुनवाई में स्टेट इलेक्शन कमीशन के वकील ने कोर्ट को यह बताया कि अपटूडेट वोटर लिस्ट नहीं मिलने के कारण चुनाव कराने में समस्या हो रही है. इसपर केंद्रीय चुनाव आयोग के वकील ने कहा कि नवंबर 2024 में झारखंड समेत अन्य राज्यों में आयोग द्वारा जारी अपडेटेड वोटर लिस्ट के आधार पर चुनाव हुआ था. इसलिए इसी वोटर लिस्ट के आधार पर चुनाव कराया जाए. इसपर कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को सभी तथ्यों को शपथ पत्र के साथ कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने 4 महीने में चुनाव कराने का दिया है वक्त
इससे पहले 16 जनवरी को भी हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई थी. जस्टिस आनंदा सेन की कोर्ट में अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से मुख्य सचिव अलका तिवारी उपस्थित थीं. सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से फिर कहा गया कि ट्रिपल टेस्ट करवा कर चुनाव कराएंगे. इसपर असहमति जताते हुए कोर्ट ने सरकार को तुरंत चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि कई स्थानों पर पिछले पांच वर्षों से चुनाव नहीं हुआ है. यह बहुत गंभीर विषय है.
हाईकोर्ट के कड़े रूख को देखते हुए राज्य सरकार ने चार माह में चुनाव कराने की बात कही. इसके बाद कोर्ट ने 4 महीने में चुनाव संपन्न कराने आदेश दिया.
मार्च 2025 तक ट्रिपल टेस्ट पूरा करने का डेडलाइन
गौरतलब है कि अप्रैल
2023
में ही झारखंड के नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो चुका है. फिलहाल नगर निकाय चुनावों में ट्रिपल टेस्ट से ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी का सर्वेक्षण किया जा रहा है. दिसंबर
2024
के अंत में डोर टू डोर सर्वे शुरू हुआ था. अब तक
6
जिलों में सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है.
6
जिलों में
90
फीसदी से अधिक सर्वे कर लिया गया है.
4
जिलों में सर्वे का काम
50
फीसदी से अधिक हो गया है. झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने सभी
24
जिलों के उपायुक्तों को
31
जनवरी
2025
तक सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया है.
राज्य के जिन
6
जिलों में डोर टू डोर सर्वे पूरा हो चुका है उनमें धनबाद
,
गुमला
,
लोहरदगा
,
सिमडेगा
,
गोड्डा और लातेहार शामिल हैं. साहेबगंज में करीब
95
फीसदी
,
चतरा
,
पाकुड़ दुमका और सरायकेला-खरसावां में
90
फीसदी ओबीसी आबादी का सर्वे पूरा हो चुका है. वहीं रांची और देवघर जिले में अबतक सिर्फ
10
प्रतिशत ही सर्वेक्षण हो पाया है. जामताड़ा में
40
फीसदी
,
पलामू में
40,
पूर्वी सिंहभूम में
35,
गिरिडीह में
25,
पश्चिम सिंहभूम में
14
और गढ़वा में
13
फीसदी ही सर्वेक्षण हो पाया है. वहीं रामगढ़ में
80
फीसदी
,
बोकारो में
70
फीसदी
,
हजारीबाग में
60
फीसदी और कोडरमा में
50
फीसदी सर्वे हो चुका है. पिछड़ा वर्ग आयोग ने मार्च
2025
तक सर्वे प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा है. सर्वे पूरा होने के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.




