झारखंड में हुआ है DMFT फंड घोटाला, सीएम हेमंत सोरेन हैं घोटाले के सरगना... बाबूलाल मरांडी का मुख्यमंत्री पर बड़ा आरोप
- Posted on September 8, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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Ranchi: झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि झारखंड में डीएमएफटी फंड घोटाला हुआ है और इसके सरगना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं. उन्होंने डीएमएफटी फंड को अपना एटीएम समझ लिया है और अधिकारियों को माल निकालने में लगा दिया है. प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने दावा किया कि झारखंड में डीएमएफटी फंड घोटाला हुआ है. बाबूलाल ने कहा अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद को पाक-साफ बताना चाहते हैं तो इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करें.
बोकारो में DMFT फंड में गड़बड़ी का खुलासा
बाबूलाल ने कहा कि आज तो वे एक बोकारो जिला में हुई लूट का खुलासा कर रहे, लेकिन इस प्रकार की लूट पूरे प्रदेश में हुई है, जिसकी जांच जरूरी है. तभी सारे लूट उजागर होंगे. कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लंबा राजनीतिक सामाजिक जीवन रहा है. उन्होंने खनन क्षेत्र में निवास करने वाले गरीबों,जरूरतमंदों की समस्याओं को बहुत नजदीक से देखा और अनुभव किया है. इसलिए प्रधानमंत्री बनते ही खनिज उत्खनन वाले जिलों के लिए डीएमएफ टी फंड की व्यवस्था की, जिससे संबंधित जिला में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके, लेकिन राज्य में प्रधानमंत्री के ऐसे कल्याणकारी सोच को धरातल पर नहीं उतारते हुए पैसों की लूट मची है.
कई कंपनियों के जरिये फंड लूटा गया
बाबूलाल मरांडी ने बोकारो जिला में वित्तीय वर्ष 2024-25 और 25-26 का उल्लेख करते हुए कहा कि इन वित्तीय वर्षों में बोकारो के लिए 631 करोड़ रुपए का डीएमएफटी फंड मिला. कई कंपनियों के माध्यम से इस फंड की लूट जिला प्रशासन के द्वारा की गई. 46 पंचायतों में जेनरेटर की आपूर्ति, 1666 आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल मेट्स की आपूर्ति, स्कूलों में टैब लैब, शहर में 187 हाई मास्ट लाइट की आपूर्ति, एलईडी वेन की खरीद, सरकारी भवनों में तड़ित चालक, बाला पेंटिंग, सौर ऊर्जा पंपसेट, स्कूलों में मॉड्यूलर किचेन का निर्माण, स्मार्ट मॉडल स्कूल का उन्नयन, छात्रों के लिए कोचिंग, कौशल विकास और प्लेसमेंट सभी में करोड़ों रुपए की लूट हुई है. बार-बार निविदा निकालना, बाजार रेट से 10 गुना ज्यादा पर सामग्री की आपूर्ति दिखाते हुए भुगतान करना. ये सारे ऐसे मामले हैं जो बड़े पैमाने पर हुए घोटाले को उजागर करते हैं.
सीएम के इशारे से ही घोटाला संभव
मरांडी ने कहा कि यह घोटाला पूरी तरह से मुख्यमंत्री के इशारे पर ही संभव है. कोई पदाधिकारी इतना बेखौफ नहीं हो सकता. इसलिए इसकी जांच कोई राज्य सरकार की एजेंसी से नहीं बल्कि सीबीआई से कराने की जरूरत है. राज्य सरकार तो इसमें संलिप्त है फिर उसकी जांच से कोई चोर कैसे पकड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन सामाजिक संगठनों को सूचना मांगने पर भी धमकी दी जा रही है. भाजपा ऐसे लोगों के साथ पूरी तरह खड़ी है जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अपने स्तर से लड़ाई लड़ रहे हैं. भाजपा सड़क से सदन तक इस मामले को उजागर करेगी. राज्य सरकार को सीबीआई जांच कराने केलिए बाध्य करेगी. बावजूद इसके अगर राज्य सरकार कदम नहीं उठाती तो केंद्र सरकार इसकी जांच केलिए सक्षम है.
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