रांची :
झारखंड विधानसभा में गुरुवार को बीजेपी के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह ने मंत्री चमरा लिंडा की टोपी पर टिप्पणी कर दी. इसके बाद सत्ता पक्ष ने इसका विरोध किया. सत्ता पक्ष के विधायकों ने विधायक सीपी सिंह के इस बयान की आलोचना करते हुए उनसे माफी मांगने की अपील की. दरअसल विधायक सीपी सिंह ने सदन ने मंईयां सम्मान योजना पर सवाल उठाया. जब इसका जवाब देने के लिए मंत्री चमरा लिंडा खड़े हुए तो सीपी सिंह ने उन्हें पहचानने से इंकार कर दिया. विधायक ने कहा कि कौन माननीय मंत्री हेलमेट लगाये हुए हैं पता ही नहीं चल रहा. हम नहीं पहचान पा रहे है, नाम बता दिया जाएं. इसप चमरा लिंडा नाराज हो गये. उन्होंने कहा यह बिल्कुल गलत है, आप मुझे पिछले 15 सालों से जान रहे है. आप यह भी जानते है कि मैं टोपी पहनता हूं. लेकिन आप जबरदस्ती मुझे ह्यूमिलेट करने की कोशिश कर रहे हैं.
जिसका वजूद होता है वो बिना पद के भी मजबूत होता है
इसके बाद स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने मामले को संभाला. उन्होंने कहा कि ऐसा होता है कभी-कभी. मेरे साथ भी ऐसा हो चुका है. सीपी सिंह 7 बार के विधायक हैं. वरिष्ठ है. इसपर सीपी सिंह ने कहा कि आप उपर (आसन पर) बैठकर बहुत कुछ बोल गये. तब स्पीकर ने कहा हम आपको ज्यादा प्यार करते हैं इसलिए बोल गये. इस दौरान सत्तापक्ष की ओर से शोरगुल होता रहा. तब सीपी सिंह ने कहा कि जिसका वजूद होता है वो बिना पद के भी मजबूत होता है.
क्यों नहीं केंद्र से सहयोग मांग लिया जाए : चमरा लिंडा
विधवा पेंशन और विकलांग की अलग अलग राशि देने पर सीपी सिंह के सवाल पर भी मंत्री चमरा लिंडा और विधायक के बीच नोकझोंक हुई. विधायक ने कहा कि विधवा और विकलांग महिलाओं को सरकार प्रति माह केवल 1 हजार रुपये की राशि ही देती है. जबकि 18 से 50 साल की महिलाओं को 2500 रुपये की राशि दी जाती है. आखिर उन्हें क्यों नहीं 2500 रुपये दिया जाता है. उनका क्या दोष है. इस सवाल पर मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि हेमंत सरकार ने विधवा की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए उनके पुनर्विवाह पर 2 लाख रुपये का प्रावधान किया है. यह हमारी सरकार का बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि हमें उन्हें 2500 की जगह 5 हजार भी देने के लिए तैयार हैं. लेकिन अगर केंद्र सरकार हमें इस राशि के लिए 3000 रुपये का अनुदान दें तो हम इसकी राशि बढ़ाकर 5 हजार कर देंगे.
मंईयां सम्मान योजना लागू करते समय केंद्र से पूछा था क्या? : सीपी सिंह
मंत्री के जवाब पर सीपी सिंह ने पूछा कि क्या आपने मंईयां सम्मान योजना लागू करते समय केंद्र से पूछा था ? क्या मंईयां सम्मान योजना की राशि बढ़ाते समय केंद्र से पूछा था ? जब उस वक्त नहीं पूछा तो अब यह सवाल क्यों पूछा जा रहा है.




