Ranchi:
रांची के बिरसा चौक के पास एचईसी की जमीन से 6 सितंबर को प्रशासन ने भारी विरोध के बीच अतिक्रमण हटाया था. प्रशासन की कार्रवाई के बाद विस्थापितों के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पहुंचे थे. उन्होंने कहा था कि अगर बुलडोजर की कार्रवाई नहीं रोकी गई तो प्रभावित परिवार सड़क से उठकर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचकर डेरा जमाने को विवश होंगे. वहीं बाबूलाल के बयान पर जेएमएम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जेएमएम महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा कि केंद्र सरकार के आदेश पर एचईसी का अतिक्रमण हटाया जा रहा है. बाबूलाल मरांडी अपने बयानों से सिर्फ भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं.
रेलवे और भारी उद्योग मंत्रालय को पत्र क्यों नहीं लिखा?
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी इन दिनों मुद्दों की तलाश में रांची में ही रहकर सक्रियता दिखा रहे हैं. वे अपने बयानों से सिर्फ भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि एचईसी इलाके में अतिक्रमण हटाने का निर्णय राज्य सरकार का नहीं, बल्कि भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय और साउथ ईस्टर्न रेलवे के निर्देश पर लिया गया है. मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा था कि एचईसी की जमीन पर आवासीय परिसर खड़ा कर दिया गया है और इसे खाली कराना ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि जब आदेश केंद्र सरकार की ओर से आया है तो मरांडी ने भारी उद्योग मंत्रालय और रेलवे को पत्र क्यों नहीं लिखा.
असली अतिक्रमणकारी तो बीजेपी है
सुप्रियो ने कहा कि असल अतिक्रमणकारी तो बीजेपी है. बाबूलाल बताएं कि जिन लोगों ने एचईसी की जमीन पर कब्ज़ा किया है, वे कौन हैं. झारखंड की जनता अतिक्रमणकारी नहीं है, यहां बाहर से आए लोग ही जमीन पर कब्जा जमाए बैठे हैं. कुटे गांव में विस्थापित परिवारों को सरकार ने आवास उपलब्ध कराया है, लेकिन धुर्वा डैम के आसपास सेक्टर-2 और सेक्टर-3 के पीछे किसके समय में बिजली के खंभे लगाए गए और किस आधार पर उन बस्तियों को वार्ड में शामिल किया गया, इसका जवाब भी बाबूलाल को देना चाहिए.
पहले HEC या DRM ऑफिस घेर कर दिखाइए
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने विस्थापन आयोग बनाया है और राज्य में विस्थापन की पीड़ा को भलीभांति समझती है. लेकिन बीजेपी और उसके नेता केवल कॉरपोरेट घरानों के हित में खड़े रहते हैं. कहा कि एचईसी की अतिक्रमित जमीन पर जमीन दलाली करने वाले रहते हैं और इसी कारण वहां बाबूलाल मरांडी को दर्द दिखाई देता है. सीएम हाउस घेरने की बाबूलाल की चेतावनी पर सुप्रियो ने कहा कि पहले HEC या DRM ऑफिस घेर कर दिखाइए. वहां CISF और RPF आपका स्वागत करेंगे. उसके बाद सीएम आवास की बात कीजिए.





