रांची :
लगातार हो रही बारिश से झारखंड के सभी डैम और नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. धनबाद जिले के प्रमुख डैम मैथन और पंचेत का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है. मैथन के आसपास तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा को देखते हुए सतर्क रहने को कहा गया है. मैथन डैम के 8 और पंचेत डैम के 6 फाटक खोले गए हैं. पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर, वर्धमान और आस-पास के इलाके को लोगों को अलर्ट किया गया है. कोडरमा के तिलैया डैम से अत्यधिक पानी छोड़े जाने के कारण पंचेत और मैथन डैम में क्षमता से अधिक पानी हो गया है. मैथन में 495 आरएलडी क्रॉस कर गया है और पंचेत में 425 आरएलडी क्रॉस कर गया है. हालत को देखते हुए मैथन डैम से एक लाख अस्सी हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है. साथ ही पंचेत डैम से एक लाख सत्तर हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया रहा है. दोनों डैम से कुल ढाई लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है. बंगाल के अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है.
जमशेदपुर में खतरे के निशान से स्वर्णरेखा और खरकई
लगातार बारिश होने के कारण जमशेदपुर शहर के बीच बहने वाली खरकई और स्वर्णरेखा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. यहां के हालात को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. निचले इलाके में रहने वाले लोगों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों में रहने को कहा गया है. सामुदायिक भवन स्कूल में लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है. स्वर्णरेखा नदी का डेंजर लेबल 121.50 मीटर है. 121.58 मीटर तक पहुंच गया है. वहीं, खरकई नदी का डेंजर लेबल 129.00 मीटर है, वहां 131.71 मीटर पहुंच गया है. ओडिशा के बयांगबिल डैम का दो गेट खोलने से खरकई नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. चांडिल डैम के भी दो गेट खोले गए हैं, जिससे स्वर्णरेखा का जलस्तर बढ़ गया है.
पतरातू डैम के सभी फाटक खोले गये
रामगढ़ जिले के पतरातू डैम के सभी फाटक खोल दिए गए हैं, जिसके बाद नलकारी नदी का भी जलस्तर बढ़ गया है. लगातार बारिश के कारण पतरातू डैम के कैचमेंट एरिया में अधिक पानी होने के कारण डैम की क्षमता को मैनेज करने को लेकर डैम के सभी फाटक को खोल कर डैम के जलस्तर को सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं घाघरा नदी में भी पानी बढ़ गया है. वर्तमान समय में डैम का जलस्तर 1328 आरएल से पार हो चुका है. डैम का फाटक खोलकर 1867 क्यूसेक जल की निकासी की निकासी की जा रही है. वहीं जिले के भैरवी और दामोदर नदी का जलस्तर बढ़ गया है. छिन्नमस्तिका मंदिर के पास मुंडनशाला तक दामोदर नदी का पानी पहुंच गया है. साथ ही कई अस्थायी दुकानें भी भैरवी नदी की तेज धार में बह गई है.
तेनुघाट और गरगा डैम के सभी फाटक खोले गये
तेनुघाट डैम का जलस्तर में हो रही वृद्धि की वजह से डैम का छह रेडियल गेट खोला गया है. वहीं बोकारो के पास गरगा डैम का भी जलस्तर काफी बढ़ गया है. जिसके कारण कई गेटों को खोल दिया गया है. गरगा और दामोदर नदी के कनारे बसे हुए लोगों को नदी में जाने पर पाबंदी लगाई गयी है. तेनुघाट डैम में 848.10 फीट पानी स्टोरेज है, जबकि 855 फीट से अधिक पानी स्टोरेज करने की क्षमता डैम के पास है.
रुक्का डैम के तीन फाटक खोले गये
रांची का सबसे बड़ा डैम, रुक्का डैम लगतार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण लबालब भर गया है. मंगलवार की सुबह डैम के तीन फाटक को खोल दिया गया है. ताकि अतिरिक्त पानी को निकाला जा सके.
डैम की पानी रोकने की अधिकतम क्षमता 36 फीट है. सोमवार शाम को ही डैम का वाटर लेवल 32 फीट से पार कर गया था. सोमवार की रात में हुई तेज बारिश के बाद डैम में पानी खतरे के निशान को पार कर गया. कुछ दिन पहले तक डैम में पानी का लेवल मात्र 23 फिट था. लेकिन तीन दिनों से हो रही बारिश की वजह से डैम का जलस्तर तेजी से बढ़ा है.




