Ranchi: झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी और कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव आज सदन में एक सवाल पर भिड़ गये. प्रदीप यादव ने सदन में थैलेसीमिया पीड़ितों को लेकर सवाल लाया था. उन्हें सरकार से जो जवाब मिला था उससे वे संतुष्ट नहीं थे. उन्होंने मंत्री से सवाल पूछना शुरू किया, लेकिन मंत्री प्रदीप यादव के कल के आरोपों को लेकर पहले से नाराज होकर बैठे थे. आज के सवाल का जवाब देने से पहले मंत्री ने कल के वाकये को लेकर प्रदीप यादव पर सीधा हमला कर दिया, कहा- कल प्रदीप जी ने प्रश्न किया था कि इनके क्षेत्र में 25 करोड़ की चोरी हुई. प्रदीप जी 5 बार के विधायक हैं. सीनियर लीडर हैं. आप जो बात रखते हैं उसमें गंभीरता होनी चाहिए. दिग्भ्रमित न करें. मैंने जब मामले की जांच कराई तो पता चला की सिर्फ 60 लाख की चोरी हुई है. उसमें भी हमलोग कार्रवाई कर रहे हैं. इतने सीनियर होकर आप सदन को गुमराह करेंगे, ठेस पहुंचाएंगे तो ठीक नहीं लगता है.
फिर थैलेसीमिया को लेकर प्रदीप यादव के पूछे गये 4 सवाल पर मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि हमलोग इसपर काम कर रहे हैं. दूसरे राज्यों के पास थैलेसीमिया पीड़ितों के पूरे आंकड़े हैं, लेकिन झारखंड सरकार के पास नहीं हैं. एक महीने के अंदर जांच कराके हमलोग इसकी रिपोर्ट देंगे. प्रदीप यादव इतने में संतुष्ट नहीं हुए. उनके तीन सवाल के जवाब अभी भी अधूरे थे. वे जवाब मांग रहे थे. वहीं मंत्री सवालों के जवाब देने में लंबा समय ले रहे थे. इससे प्रदीप यादव के साथ-साथ स्पीकर रवींद्रनाथ महतो भी खीज गये थे. स्पीकर ने कहा कि बचे हुए तीन सवालों का सीधे-सीधे जवाब दीजिए.
इसी दौरान आसन को एक कागज दिखाते हुए प्रदीप यादव ने कहा, ये हल्का प्रश्न नहीं है महोदय. साक्षी कुमारी नाम की एक लड़की है. वह मुख्य सचेतक की पोती हैं. उसे ब्लड चढ़ाया गया तो 51 हजार रुपये लिए गये. इसपर सदन में शेम-शेम के नारे लगे. प्रदीप यादव ने फिर कहा, हमलोग गप सुनने के लिए सदन में नहीं आते हैं. सीधा-सीधा बताइये कि थैलेसीमिया पीड़ितों को फ्री ब्लड देने का प्रावधान है कि नहीं. इसपर मंत्री ने कहा कि खून के पैसे कौन लेगा, क्यों लेगा? फ्री में ब्लड दिया जाता है.
यह जवाब सुनते ही प्रदीप यादव फिर गुस्सा गये. कहा, पैसे देना पड़ता है. सदन को गुमराह न करें. मुख्य सचेतक की पोती के लिए पारस में देना पड़ेगा. तब स्पीकर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सवाल लंबा खिंच गया है. आप मंत्री जी से अलग से इसपर बात कर लीजिएगा. तब प्रदीप यादव ने कहा- अध्यक्ष महोदय आप ऐसे टहलाइये नहीं. ये भेजवाने का चीज नहीं है. हम समाधान चाहते हैं. कितने दिन में दुरुस्त करेंगे बताइये.
बहस के दौरान मंत्री ने कई बार विधायक को संबोधित करते हुए प्रदीप जी कहा. इसपर भी प्रदीप यादव बिफर गये. मैं सदन का सद्स्य हूं. इसलिए आप माननीय सद्स्य कहा करें. स्पीकर दूसरा सवाल लेना चाह रहे थे, लेकिन प्रदीप यादव जवाब से संतुष्ट नहीं थे और सरकार का जवाब मांग रहे थे. तब स्पीकर भी भड़क गये. कहा- आगे बढ़ने दीजिए. आप बताईये खाली सदन में आप ही का प्रश्न चलेगा क्या?. आप जो बोलवाना चाहते हैं क्या मंत्री जी वहीं बोलेंगे?




