Ranchi:
सूर्या हांसदा एनकाउंटर और नगड़ी में रिम्स-टू की जमीन विवाद के मामले को लेकर बीजेपी शुक्रवार को राजभवन पहुंच गई. नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे बीजेपी के प्रतिनिधिनमंडल ने राज्यपाल से इन दोनों मामलों पर हस्तक्षेप करने की मांग की. बीजेपी ने जहां सूर्या एनकाउंटर की सीबीआई जांच करवाने की मांग की, वहीं नगड़ी में रिम्स टू के निर्माण पर तत्काल रोक लगाने और किसानों पर हुए एफआईआर को वापस लेने की मांग की.
एनकाउंटर नहीं सुनियोजित हत्या हुई थी: बीजेपी
बीजेपी ने राज्यपाल से कहा कि 11 अगस्त को सूर्या हांसदा का एनकाउंटर नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या की गई थी. मामले को लेकर पहले दिन से ही लगातार सवाल उठ रहे हैं. सूर्या हांसदा की मां और पत्नी ने इस मामले को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. इस मामले में पुलिस अपना दामन बचाने के लिए सूर्या हासंदा को एक दुर्दांत अपराधी के रूप से पेश कर रही है. जबकि सूर्या हासंदा के जीवन का एक अन्य पहलू पुलिस के तमाम आरोपों को सिरे से झुठला रहे हैं. जिस सूर्या हांसदा को पुलिस अपराधी बता रही है, अदालत ने उन्हें किसी मुकदमे में अपराधी नहीं पाया है. पुलिस ने जिन 24 मुकदमों का जिक्र किया है उसमें से 14 में वे बाइज्जत बरी हो चुके थे. पांच मुकदमे में वे जमानत पर थे और पांच में जमानत विचाराधीन था. सूर्या हांसदा को अब तक किसी भी कोर्ट ने अपराधी घोषित नहीं किया था, फिर भी उनकी जान ले ली गई. यह न्याय व्यवस्था पर सीधा सवाल है. बीजेपी ने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले. लेकिन राज्य सरकार इससे ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. पूरी संभावना है कि गोड्डा पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर सूर्या हांसदा की हत्या की है. सूर्या हांसदा के फर्जी एनकाउंटर में मुख्यमंत्री के बरहेट विधायक प्रतिनिधि की भूमिका भी संदिग्ध है. इसलिए राज्यपाल राज्य सरकार को इस मामले की सीबीआई जांच कराने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दें.
भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन कर रही सरकार
वहीं रांची के नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स टू को लेकर हो रहे विरोध पर बीजेपी ने राज्यपाल से कहा कि नगड़ी में रैयत किसानों की शत-प्रतिशत उपजाऊ भूमि पर जबरन रिम्स टू बनाया जा रहा है. सिर्फ अपनी हठधर्मिता के कारण राज्य सरकार इस खेतिहर जमीन पर सीएनटी, ग्राम सभा तथा भूमि अधिग्रहण कानून के प्रावधानों का सीधा उल्लंघन कर रही है. इस जमीन के लगभग 6 दशक से अधिक समय पूर्व में अधिग्रहण होने की बात सामने आ रही है. अगर यह सच है तब राज्य सरकार इन किसानों के साथ पूरी तरह से नाइंसाफी कर रही है, क्योंकि भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) में यह स्पष्ट किया गया है कि वैसी कोई भी भूमि, जिसका अधिग्रहण पहले शुरू हुआ हो और पूरा नहीं हुआ, अर्थात जिसमें मुआवजे के पैसे नहीं दिए गए अथवा जमीन पर कब्जा नहीं हुआ. तो उस भूमि को वापस करने का प्रावधान है. बीजेपी ने राज्यपाल से अपील की है कि नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स टू अस्पताल के निर्माण को रोकने का आदेश दिया जाए साथ ही किसानों पर दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएं.





