भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुआ. छुट्टियों के चलते छोटे कारोबारी सप्ताह में निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया और किसी ठोस वैश्विक या घरेलू संकेत के अभाव में नई खरीदारी से दूरी बनाए रखी. आईटी और ऑटो शेयरों में बिकवाली के साथ सेंसेक्स डेरिवेटिव्स की एक्सपायरी ने भी बाजार पर दबाव डाला.
बीएसई सेंसेक्स 367.25 अंक यानी 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,041.45 अंक पर बंद हुआ. वहीं एनएसई निफ्टी 99.80 अंक या 0.38 प्रतिशत फिसलकर 26,042.30 अंक पर आ गया. दिनभर कारोबार सीमित दायरे में रहा, लेकिन अंतिम सत्र में बिकवाली हावी हो गई.
निफ्टी के लिए 26,000 का स्तर अहम
विश्लेषकों के मुताबिक निफ्टी के लिए 26,000 का स्तर तकनीकी रूप से काफी महत्वपूर्ण बना हुआ है. यह स्तर 20-दिवसीय ईएमए, भारी पुट ओपन इंटरेस्ट और पिवट एस1 स्तर (करीब 26,009) के आसपास है, जिससे अब तक बड़ी गिरावट पर रोक लगी हुई है. हालांकि, अगर निफ्टी 26,000 के नीचे स्थायी रूप से टूटता है तो 25,900 से 25,800 तक और गिरावट संभव है. ऊपर की ओर 26,200 से 26,330 के स्तर पर मजबूत प्रतिरोध बना हुआ है.
चुनिंदा शेयरों में मजबूती
कमजोर बाजार के बावजूद कुछ शेयरों में खरीदारी देखने को मिली. बीएसई पर टाइटन, एनटीपीसी और हिंदुस्तान यूनिलीवर प्रमुख बढ़त वाले शेयर रहे. वहीं बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स और एचसीएल टेक्नोलॉजीज में गिरावट ने सूचकांक को नीचे खींचा.
एनएसई पर भी टाइटन सबसे ज्यादा बढ़त में रहा, इसके बाद हिंदाल्को और नेस्ले इंडिया का स्थान रहा. दूसरी ओर एशियन पेंट्स, श्रीराम फाइनेंस और बजाज फाइनेंस में भारी गिरावट दर्ज की गई.
मिडकैप–स्मॉलकैप में भी दबाव
वृहद बाजार में भी सतर्कता का माहौल रहा. निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 0.23 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ. सेक्टोरल आधार पर आईटी शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली रही और निफ्टी आईटी सूचकांक 1.03 प्रतिशत टूट गया. ऑटो सेक्टर भी 0.52 प्रतिशत गिरा. इसके उलट मेटल शेयरों में मजबूती देखने को मिली और निफ्टी मेटल सूचकांक 0.59 प्रतिशत चढ़कर बंद हुआ.
रुपया भी हुआ कमजोर
इस बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 15 पैसे कमजोर होकर 89.86 रुपये प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ, जिससे बाजार में निवेशकों की सतर्कता और बढ़ गई.




