Palamu: झारखंड के पलामू जिले से अंधविश्वास से जुड़ी एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां टोटका-टोना और शक के चलते एक बुजुर्ग की निर्मम हत्या कर दी गई. हैरानी की बात यह है कि इस हत्या की साजिश में मृतक का अपना बेटा और परिवार से जुड़े अन्य लोग शामिल पाए गए हैं. लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के डबरा गांव से 26 दिसंबर को पुलिस ने पच्चू मोची नामक बुजुर्ग का शव बरामद किया था. जांच में सामने आया कि उनकी हत्या धारदार हथियार से गला काटकर की गई थी. शुरुआत में मामला रहस्यमय लग रहा था, लेकिन पुलिस जांच आगे बढ़ी तो चौंकाने वाले खुलासे हुए.
पैसे गुम होने से शुरू हुआ शक और अंधविश्वास
पुलिस जांच में सामने आया कि करीब तीन महीने पहले पच्चू मोची के 4500 रुपये गुम हो गए थे. इस घटना के बाद उन्होंने घर के कुल देवता को कबाड़ में फेंक दिया था. इसके बाद उनके गोतिया धनंजय रविदास के परिवार में लगातार अनहोनी होने लगी. धनंजय की मां और भाई की मौत हो गई, जबकि उसके बच्चे लगातार बीमार रहने लगे.
ओझा-गुणी के शक में बुजुर्ग को ठहराया गया दोषी
इन घटनाओं के बाद परिवार में यह मान्यता बन गई कि पच्चू मोची ओझा-गुणी करते हैं. इसी अंधविश्वास ने धीरे-धीरे हिंसक साजिश का रूप ले लिया. पच्चू मोची के बेटे गुड्डू मोची और धनंजय मोची ने मिलकर हत्या की योजना बना डाली.
40 हजार की सुपारी, बेटे ने ट्रांसफर किए पैसे
हत्या के लिए 40 हजार रुपये की सुपारी तय की गई थी. गुड्डू मोची ने अपने पिता की हत्या के लिए धनंजय मोची को 7 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर भी किए थे. धनंजय ने अपने साले सत्येंद्र कुमार और उसके साले मुनेश्वर कुमार रवि को इस साजिश में शामिल किया.
गांव में आकर की वारदात, बनाया वीडियो भी
घटना वाले दिन तीनों आरोपी गांव पहुंचे और मौका मिलते ही चाकू से पच्चू मोची का गला काट दिया. हत्या के बाद आरोपियों ने इसका वीडियो भी बनाया, जिसे पुलिस ने मोबाइल से बरामद कर लिया है. सभी आरोपी करीब 20 साल की उम्र के बताए जा रहे हैं.
पुलिस ने किया खुलासा, चार आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने मृतक के बेटे गुड्डू मोची, धनंजय मोची, सत्येंद्र कुमार और मुनेश्वर कुमार रवि को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि यह पूरी वारदात अंधविश्वास और पारिवारिक शक का नतीजा है.



