SEBI ने अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बेटे प्रणव अडानी पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगाया है. SEBI का कहना है कि NDTV के अधिग्रहण से जुड़े ओपन ऑफर की कीमत-संवेदनशील जानकारी (UPSI) प्रणव अडानी ने अपने साले और अन्य रिश्तेदारों के साथ साझा की, जो इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों का उल्लंघन है. यह जानकारी एक दस्तावेज के आधार पर सामने आई है, जिसे ईटी (ET) ने देखा है.
मामला अगस्त 2022 का है, जब अडानी ग्रुप NDTV का अधिग्रहण कर रहा था. उस समय प्रणव अडानी अडानी एंटरप्राइजेज के निदेशक थे. दस्तावेज के अनुसार, SEBI ने प्रणव अडानी, उनके साले कुणाल शाह और नृपल शाह तथा उनके ससुर धनपाल शाह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. 15 अक्टूबर 2025 को जारी इस नोटिस में SEBI ने आरोप लगाया कि ओपन ऑफर की घोषणा से पहले इन लोगों के बीच कई फोन कॉल हुई थीं. इस रिपोर्ट के प्रकाशन तक SEBI, अडानी ग्रुप या आरोपित व्यक्तियों की ओर से ईमेल के माध्यम से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
SEBI के अनुसार, 23 अगस्त 2022 को ओपन ऑफर के मैनेजर जेएम फाइनेंशियल ने बाजार बंद होने के बाद स्टॉक एक्सचेंजों को NDTV के लिए सार्वजनिक घोषणा की जानकारी दी थी. इसमें बताया गया था कि विश्वप्रधान कमर्शियल, एएमजी मीडिया नेटवर्क्स और अडानी एंटरप्राइजेज सार्वजनिक शेयरधारकों से NDTV की 26% तक हिस्सेदारी खरीदेंगे. यह ओपन ऑफर 294 रुपये प्रति शेयर की दर से 1.676 करोड़ शेयरों के लिए था, जिसकी कुल कीमत करीब 492.81 करोड़ रुपये बैठती है.
SEBI ने कहा कि यह घोषणा बाजार समय के बाद की गई थी और एक्सचेंजों के माध्यम से प्रसारित होने तक इसे UPSI माना गया. 24 अगस्त 2022 को ट्रेडिंग दोबारा शुरू होने पर NDTV के शेयरों में तेजी देखी गई और दिन के अंत तक वे करीब 5% चढ़कर बंद हुए.
नियामक ने यह जांच भी की कि क्या UPSI के दौरान कुछ लोगों ने NDTV के शेयरों में कारोबार किया. SEBI की जांच में आरोप है कि कुणाल शाह ने घोषणा से पहले के दिनों और हफ्तों में कई बार NDTV के शेयर खरीदे थे.
हालांकि, यह मामला जटिल है. पिछले सप्ताह SEBI ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए एसबी एनर्जी होल्डिंग्स के अधिग्रहण से जुड़े एक अन्य इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में प्रणव अडानी और उनके रिश्तेदारों के खिलाफ कार्रवाई बंद कर दी थी.



