रांची :
झारखंड विधानसभा सत्र के बजट सत्र के तेरहवें दिन सदन में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. ग्रामीण स्वच्छता मिशन के तहत गढ़वा और पलामू में ई-रिक्शा खरीद में हुए कथित घोटाले को लेकर विधायक प्रदीप यादव सवाल कर सरकार से जवाब मांग रहे थे. इस दौरान कई मिनटों तक सरकार के मंत्री और विधायक में जमकर बहस हुई. प्रदीप यादव ने सरकार से इस मामले पर चार बिंदुओं पर जवाब मांगा
इन चार बिंदुओं पर जवाब मांगा:
1. जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए :
प्रदीप यादव ने सरकार से पूछा कि विभागीय जांच किन अधिकारियों ने की और उसकी रिपोर्ट क्या है.
2. अनाधिकृत डीलरों से खरीद :
क्या यह सच है कि गढ़वा और डालटनगंज में ई-रिक्शा ऐसे डीलरों से खरीदे गए जो अधिकृत नहीं थे?
3. अन्य जिलों में भी महंगे दामों पर खरीद :
क्या अन्य जिलों में भी दोगुनी कीमत पर खरीदारी हुई?
4. उपायुक्तों की भूमिका :
जिला उपायुक्त, जो स्वच्छ भारत मिशन के अध्यक्ष होते हैं, उनकी जिम्मेदारी क्या रही और उनसे सरकार ने क्या स्पष्टीकरण लिया?
जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने में संकोच क्यों
सदन में इस मुद्दे पर बहस के दौरान उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही और सरकार इसे सदन के पटल पर रखने से क्यों बच रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जब सरकार खुद अनियमितता स्वीकार कर रही है तो उच्च स्तरीय जांच कराने में संकोच क्यों कर रही है.




