Ranchi: कुख्यात अमन साव गिरोह के गैंगस्टर सुनील सिंह मीणा उर्फ मयंक सिंह को आज अजरबैजान से रांची लाया गया. झारखंड एटीएस की टीम उसे लेकर आई. मयंक बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से एटीएस मुख्यालय ले जाया गया. वह 29 अक्टूबर 2024 से अजरबैजान में हिरासत में था. मयंक को अजबैजान से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया. एटीएस एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में एटीएस की टीम मयंक सिंह को बख्तरबंद गाड़ी में लेकर रामगढ़ लेकर रवाना हो गई.
बता दें कि मयंक सिंह झारखंड का पहला गैंगस्टर है जिसे विदेश से प्रत्यर्पण कर लाया गया है. एटीएस की टीम उससे लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग के कनेक्शन के बारे में पूछताछ करेगी और कई राज खोलने की कोशिश करेगी. मयंक पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक षड्यंत्र के 45 से ज्यादा मामले दर्ज हैं और वह लंबे समय से फरार था. मयंक सिंह राज्य के कई बड़े व्यापारियों और ठेकेदारों से वसूली करता था और उसके इशारे पर फायरिंग, हत्या की घटनाएं कराई जाती थीं.
बताया जाता है कि मयंक सिंह का सीधा कनेक्शन लॉरेंस बिश्नोई गैंग और अमन साहू से है. वह विदेश से अपने गुर्गों को निर्देश देता था और रंगदारी के लिए फोन कॉल्स करवाता था. इंटरपोल की मदद से झारखंड पुलिस ने पहले उसका लोकेशन ट्रैक किया, फिर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और सीबीआई की इंटरपोल शाखा के सहयोग से उसका प्रत्यर्पण संभव हो सका.
मयंक पहले काम के लिए मलेशिया गया था, जहां वह रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के जरिए लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया. उसपर लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर राजस्थान और पंजाब में हत्या, रंगदारी और गोलीबारी जैसी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है. मयंक पहली बार तब सुर्खियों में आया जब उसने राजस्थान के तत्कालीन राहत एवं आपदा प्रबंधन मंत्री और कांग्रेस विधायक गोविंद राम मेघवाल से रंगदारी मांगी थी. जांच से पता चला है कि पासपोर्ट रद्द होने के बाद मयंक डंकी रूट से सिंगापुर, ईरान और मेक्सिको होते हुए यूएसए पहुंच गया था. वहीं से अमन साहू गिरोह के लिए पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के आपराधिक गिरोहों से सदस्यों की भर्ती कर रहा था.





