ओडिशा के राउरकेला में हुए 4,000 किलोग्राम विस्फोटक लूट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने महत्वपूर्ण प्रगति की है. जांच में यह सामने आया है कि लूटे गए विस्फोटक झारखंड के सारंडा जंगल में सक्रिय नक्सली नेटवर्क तक पहुंचाए गए थे. इस नेटवर्क का नेतृत्व एक करोड़ रुपये के इनामी और कुख्यात नक्सली पतिराम मांझी उर्फ अनल के हाथों में था, जो लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की वांछित सूची में शीर्ष पर बना हुआ है.
NIA की जांच के मुताबिक, झारखंड और ओडिशा के नक्सलियों ने मिलकर सुरक्षाबलों पर बड़े हमले की योजना के तहत विस्फोटक लूट की थी. इसी मामले में एजेंसी ने 11 नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. आरोपियों में पतिराम मांझी उर्फ अनल के अलावा जरजा मुंडा, पिंटू लोहरा, लालजीत, शिवा बोदरा, अमित मुंडा, सुखलाल मुंडा, रवि, राजेश, सोहन और अप्टन शामिल हैं.
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि सभी आरोपी करीब 200 पैकेट विस्फोटक, जिनमें प्रत्येक में 20 किलोग्राम सामग्री थी, की लूट की साजिश रचने, योजना बनाने और उसे अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल थे. लूटा गया विस्फोटक बाद में पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) क्षेत्र से बरामद किया गया.
NIA का मानना है कि इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक की लूट से नक्सली बड़े हमलों को अंजाम देने की तैयारी में थे. जांच एजेंसी इस नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही है और पतिराम मांझी उर्फ अनल के भूमिगत तंत्र को खंगालने में जुटी हुई है.




