Ranchi:
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर को फर्जी और संदेहास्पद मुठभेड़ मानते हुए सीबीआई जांच की अनुशंसा की है. आयोग की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर पाया कि सूर्या को पहले यातनाएं दी गईं और उसके बाद गोली मारी गई. आयोग ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें मुठभेड़ में शामिल अधिकारियों के ट्रांसफर, सूर्या के परिवार को सुरक्षा देने और मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की मांग की गई है. आयोग ने कहा कि 9 अगस्त को सूर्या की गिरफ्तारी दिखाई गई थी, लेकिन उन्हें किसी न्यायिक अधिकारी के समक्ष पेश नहीं किया गया और 24 घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में रखा गया. आयोग को पत्र लिख मामले की जांच करने का आग्रह करने वाले राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी.
आयोग ने सूर्या हांसदा के परिवार को सुरक्षा और मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराने को भी कहा है. कहा है कि राज्य सरकार सुनिश्चित करके कि प्रकरण से संबंधित सभी साक्ष्य सुरक्षित और संरक्षित रहे. उनके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ न हो. साथ ही ललमटिया, बोआरीजोर और महगमामा के थाना प्रभारी समेत जांच में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित अन्य अधिकारियों का तत्काल ट्रांसफर किया जाए.
आयोग ने कहा है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि गोड्डा डीसी और एसपी की भूमिका की भी जांच की जाए. ताकि वे किसी भी तरह से जांच की निष्पक्षता को प्रभावित न करें. वे जांच एजेंसी को पूरा सहयोग करें और जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखें. अगर जरूरी हो तो निष्पक्षता बनाये रखने के लिए उनका ट्रांसफर किया जाए.




