Ranchi: हटिया के तुपुदाना इलाके में स्थित शैली ट्रेडर्स के यहां मंगलवार को रांची पुलिस ने छापेमारी की. यह वही प्रतिष्ठान है, जिस पर लंबे समय से नशे के कफ सिरप के अवैध कारोबार में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं. बताया जाता है कि इस फर्म के जरिए झारखंड ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में नशे में इस्तेमाल होने वाले कफ सिरप की आपूर्ति की जाती थी. तुपुदाना स्थित गोदाम से इस अवैध सप्लाई नेटवर्क को संचालित किया जा रहा था.
शैली ट्रेडर्स के मालिक भोला जायसवाल और शुभम जायसवाल बताए जा रहे हैं. पुलिस की हालिया कार्रवाई के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतने लंबे समय तक इस कारोबार पर शिकंजा क्यों नहीं कसा गया.
CID की भूमिका और कथित सांठगांठ पर उठे सवाल
सूत्रों के अनुसार, शैली ट्रेडर्स के खिलाफ पहले से जानकारियां होने के बावजूद झारखंड पुलिस की सीआईडी ने करीब एक साल तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. अब इसके पीछे की वजहों को लेकर अंदरखाने की बातें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में राजेश नामक एक व्यक्ति की भूमिका चर्चा में है, जिसने कथित तौर पर शुभम जायसवाल की मुलाकात सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी से करवाई थी.
सूत्रों का दावा है कि इसी दौरान बड़ी डील हुई और इसके एवज में महंगी विदेशी व्हिस्की बतौर तोहफा देने की बात सामने आई है. हालांकि, इन आरोपों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
गुजरात से झारखंड तक फैला था नेटवर्क
इस मामले की जड़ें गुजरात तक जुड़ी हुई बताई जाती हैं. गुजरात पुलिस से मिली सूचना के आधार पर धनबाद पुलिस ने पहले बरवाडीह इलाके के एक गोदाम में छापेमारी की थी. वहां से 25 हजार से अधिक कफ सिरप की बोतलें बरामद की गई थीं, जिनका इस्तेमाल नशे के रूप में किए जाने की पुष्टि जांच में हुई थी. इस संबंध में बरवाडीह थाना में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी.
धनबाद पुलिस जब मामले की जांच कर रही थी, उसी दौरान जांच को सीआईडी ने अपने अधीन ले लिया. इसके बाद जांच की दिशा और गति को लेकर सवाल उठने लगे. अब रांची पुलिस की ताजा कार्रवाई के बाद पूरे मामले की परतें खुलने की उम्मीद जताई जा रही है.



