Ranchi:
झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन को शुक्रवार सुबह एयर एंबुलेंस के ज़रिए गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल ले जाया गया. इससे पहले गुरुवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. सांस लेने में परेशानी के बाद उन्हें तत्काल रांची के पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
मंत्री की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलते ही विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. करीब 11:30 बजे झारखंड सरकार के चार मंत्री अचानक विधानसभा परिसर से निकलकर अस्पताल पहुंचे, जिससे हड़कंप मच गया. स्वास्थ्य की जानकारी साझा करते हुए मंत्री इरफान अंसारी ने बताया कि हफीजुल हसन की हालत चिंताजनक थी. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी पारस अस्पताल पहुंचे और हफीजुल हसन का हालचाल लिया.
पारस हॉस्पिटल के हेड डॉ. नीतीश के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंत्री हसन को मेदांता अस्पताल शिफ्ट किया गया. उन्होंने बताया कि पारस में इलाज ठीक से चल रहा था, लेकिन चूंकि हफीजुल हसन की हार्ट बायपास सर्जरी कुछ महीने पहले जून में मेदांता में ही हुई थी, इसलिए परिवार ने आगे के इलाज के लिए उन्हें वहीं भेजना बेहतर समझा.
डॉ. के मुताबिक, हफीजुल हसन को फेफड़ों में संक्रमण है, जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. गंभीर हालत में अस्पताल लाए जाने के बावजूद दवाओं के जरिए उनकी स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया था.



