चाईबासा में पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में कोल्हान बंद का असर, सड़कों पर उतरे भाजपाई, एनएच जाम

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (31)-v7N3Vuf1D5.jpg

Chaibasa: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में भारी वाहनों के लिए ‘नो एंट्री’ लागू करने की मांग कर रहे आदिवासियों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में आदिवासी सामाजिक संगठनों और भाजपा द्वारा बुलाए गए कोल्हान बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए, शहर और प्रखंडों में दुकानों एवं प्रतिष्ठानों को बंद कराया जा रहा है. चाईबासा ताम्बो चौक, सदर बाजार, बस स्टैंड और शहीद पार्क क्षेत्र में बाजार पूरी तरह बंद हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं ने सुबह खुले पेट्रोल पंपों और दुकानों को भी बंद करा दिया.

कई इलाकों में मिला-जुला असर

चक्रधरपुर में बंद का आंशिक असर दिखा. पवन चौक और मेन रोड क्षेत्र में अधिकांश दुकानें बंद हैं, जबकि कुछ इलाकों में दुकानें खुली रहीं. लंबी दूरी की बस सेवाएं प्रभावित हैं. सोनुवा में बंद का सबसे अधिक असर देखा गया, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं ने चक्रधरपुर–राउरकेला राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-320D) पर टायर जलाकर जाम लगा दिया. दुकानों, प्रतिष्ठानों और यातायात पर पूरी तरह रोक रही. इसी तरह जगन्नाथपुर, मनोहरपुर और आनंदपुर में भी बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. हालांकि, कहीं भी हिंसा या झड़प की कोई सूचना नहीं है.

कैसे बिगड़ा माहौल

मंगलवार को नो एंट्री लागू करने की मांग को लेकर मंत्री दीपक बिरुवा के आवास की ओर मार्च कर रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने तांबो चौक पर रोक दिया था. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पत्थरबाजी और लाठीचार्ज हुआ. पुलिस ने 17 महिला-पुरुषों को हिरासत में लिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई.

भाजपा और आदिवासी संगठनों का विरोध

लाठीचार्ज के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया और पुलिसिया कार्रवाई को “जनविरोधी” बताया. पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन घायल प्रदर्शनकारियों से मिलने चाईबासा जाने वाले थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें शहर में प्रवेश नहीं करने दिया. इसके विरोध में भाजपा और आदिवासी संगठनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया और कोल्हान बंद का आह्वान किया. चम्पाई सोरेन ने कहा कि, “अगर प्रशासन ने आंदोलनकारियों को पहले से हिरासत में नहीं लिया होता, तो स्थिति इतनी नहीं बिगड़ती.”

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