संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. अब 19 दिसंबर तक सदन के अंदर और बाहर माननीय अलग-अलग अंदाज में नजर आएंगे. उनके एक से बढ़कर एक बयान भी सामने आएंगे. पहले ही दिन इसकी शुरुआत हो गई. कांग्रेस की सांसद रेणुका चौधरी संसद परिसर में अपने पालतू कुत्ते के साथ पहुंच गईं. हाई सिक्योरिटी वाले क्षेत्र में रेणुका चौधरी का यह रवैया कुछ सांसदों को पसंद नहीं आया. विपक्ष के विरोध पर रेणुका चौधरी ने कहा कि गूंगा जानवर अंदर आ गया तो इसमें क्या तकलीफ है. यह किसी को काटता नहीं है. काटने वाले तो और हैं संसद के अंदर. बीजेपी ने इस बयान के लिए रेणुका चौधरी पर कार्रवाई करने की मांग की है.
क्या कहा रेणुका ने
रेणुका ने कहा 'कौन सा प्रोटोकाल? कहीं कोई कानून बना है क्या? मैं रास्ते में आ रही थी. वहां स्कूटर और कार वाले का टक्कर हुआ. उसके आगे ये छोटा पिल्ला निकलकर सामने आ गया. ये चारों तरफ सड़क पर घूम रहा था. मैंने सोचा ये पहिए के नीचे आ जाएगा. तो मैंने उठाकर गाड़ी में रख लिया और संसद आ गई और वापस भिजवा दिया. गाड़ी भी गई और कुत्ता भी. फिर बात की चर्चा चल रही है. असली डसने वाले और काटने वाले संसद में बैठे हैं. वे सरकार चलाते हैं. उसका कोई एतराज नहीं.
कार्रवाई होनी चाहिए: बीजेपी
वहीं बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि रेणुका चौधरी का काम सांसदों को मिले विशेष अधिकारों का गलत इस्तेमाल है. उन्होंने कहा, 'खास अधिकार किसी को भी नियम तोड़ने या सदन में पालतू जानवर लाने की इजाजत नहीं देते. जवाबदेही तय होनी चाहिए. यह सदन देश की नीतियों पर चर्चा करने की जगह है. वहां पर अपने डॉग को लेकर आए और उस पर जिस तरह का बयान दे रहे हैं, देश को शर्मसार कर रहे हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
संसद के नियमों का उल्लंघन
संसद भवन परिसर व्यवहार एवं आचरण नियम के मुताबिक संसद भवन परिसर में केवल अधिकृत व्यक्ति, वाहन और सुरक्षा-क्लियरेंस प्राप्त सामग्री ही ले जाई जा सकती है. पालतू जानवरों को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. यह नियम संसद की सुरक्षा ब्रांच लागू करती है. वहीं लोकसभा हैंडबुक फॉर मेंबर्स इस हैंडबुक में साफ कहा गया है कि सदन या संसद भवन में कोई भी ऐसी वस्तु, जीव या सामग्री नहीं लाई जा सकती जो सुरक्षा या मर्यादा को प्रभावित करे. पालतू जानवर इस श्रेणी में आते हैं, इसलिए अनुमति नहीं है.



