सैटेलाइट इंटरनेट इस समय चर्चा में है, और एलन मस्क की स्टारलिंक सेवा जल्द ही भारत में शुरू होने वाली है. इसी बीच चेन्नई की टीम फोटोनिक्स ओडिसी ने NASA के 2025 इंटरनेशनल स्पेस ऐप्स चैलेंज में भारतीय सैटेलाइट इंटरनेट कॉन्सेप्ट पेश कर वैश्विक स्तर पर जीत हासिल की. टीम ने अपने नवाचार के लिए ‘मोस्ट इंस्पिरेशनल अवार्ड’ से नवाजा गया.
दूरदराज इलाकों में ब्रॉडबैंड पहुंचाने का प्रस्ताव
टीम ने अपने प्रोजेक्ट में भारत के दूरदराज इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने के लिए स्वदेशी, फेज्ड-ऐरे सैटेलाइट इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रस्ताव रखा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन 700 मिलियन से अधिक लोगों को डिजिटल दुनिया से जोड़ना है, जिनके पास अभी तक ब्रॉडबैंड सुविधा नहीं है. टीम के सदस्य मनीष डी., एम. के., प्रशांत जी., राजलिंगम एन., राशि एम., और शक्ति आर. इस प्रोजेक्ट का हिस्सा रहे.
NASA स्पेस ऐप्स चैलेंज का महत्व
NASA के 2025 ग्लोबल हैकाथॉन में 167 देशों और क्षेत्रों में 551 स्थानीय इवेंट्स आयोजित किए गए, जिसमें 1 लाख 14 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. यह हेकाथॉन 2012 में शुरू हुआ था और इसका उद्देश्य नागरिकों को NASA के ओपन डेटा का उपयोग कर वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रोत्साहित करना है. यह STEM नवाचार के लिए दुनिया के सबसे बड़े सहयोगी प्लेटफार्मों में से एक बन चुका है.
डिजिटल इंडिया के लिए बड़ी उम्मीद
इस प्रोजेक्ट से भारत में इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने की उम्मीद है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक केबल या फाइबर नेटवर्क स्थापित करना कठिन या महंगा है. इससे न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि आर्थिक अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा. NASA की इस पहल में भारतीय युवाओं की भागीदारी और जीत यह दर्शाती है कि वे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर किसी से पीछे नहीं हैं.



