Ranchi:
झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव कराने के लिए और समय मांगने पर कड़ी नाराजगी जताई है. कोर्ट ने सरकार के आग्रह को ठुकरा दिया है. झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो की अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें सरकार की ओर से निकाय चुनाव कराने के लिए और समय मांगा गया, लेकिन कोर्ट ने मांग को खारिज कर दिया. कोर्ट ने समय से चुनाव न कराने पर फिर से नाराजगी जताई और माना की कोर्ट की अवमानना हुई है. मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पक्ष रखा, वहीं सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखा. सुनवाई में मुख्य सचिव अलका तिवारी भी मौजूद रहीं.
18 जुलाई को हुई थी सुनवाई
इससे पहले 18 जुलाई को मामले की सुनवाई हुई थी. हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव न कराने पर सख्त टिप्पणी की थी. अदालत ने कहा कि सरकार कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर कानून के राज का गला घोंट रही है, जिससे संवैधानिक तंत्र विफल हो गया है. अदालत ने चुनाव में देरी को जानबूझकर किया गया प्रयास बताया और अगली सुनवाई में मुख्य सचिव को सशरीर उपस्थित रहने का आदेश दिया था.
क्या है मामला
हाईकोर्ट ने जनवरी में ही आदेश दिया था कि तीन सप्ताह के भीतर राज्य के सभी नगर निकायों में चुनाव कराए जाएं, लेकिन अबतक चुनाव नहीं कराए गए। झारखंड में नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में ही समाप्त हो चुका है। तय समय सीमा 27 अप्रैल 2023 तक चुनाव होने थे, लेकिन ओबीसी आरक्षण तय करने की प्रक्रिया के चलते चुनाव टल गए। सरकार ने ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया शुरू तो की, लेकिन एक साल बाद भी इसे पूरा नहीं कर सकी। वर्तमान में नगर निकायों का संचालन प्रशासकों द्वारा किया जा रहा है और पिछले ढाई वर्षों से कोई निर्वाचित प्रतिनिधि नहीं है।





