Ranchi: भाजपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने हेमंत सोरेन सरकार पर अनुसूचित जाति (SC) समाज के अधिकारों की अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाया है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनावों में SC आरक्षण को कम कर सरकार ने दलित समाज के साथ विश्वासघात किया है.
रांची नगर निगम में केवल दो सीटें, अन्याय का दावा
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि रांची नगर निगम में SC समाज के लिए मात्र दो वार्डों में ही आरक्षण दिया गया है, जो उनकी आबादी और संवैधानिक अधिकारों के साथ अन्याय है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार राजनीतिक कारणों से एक वर्ग को दबाने का काम कर रही है और अलग-अलग नगर निकायों में अलग-अलग नियम लागू किए जा रहे हैं.
सरकार अपने वादों से भटकी: बाउरी
उन्होंने कहा कि जल–जंगल–जमीन और झारखंडियों के अधिकारों की बात कर सत्ता में आई हेमंत सोरेन सरकार अब अपने ही वादों से भटक चुकी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लगातार सरकार की कमियों को उजागर कर रहे हैं, इसके बावजूद राज्य में SC समाज की स्थिति दयनीय बनी हुई है.
50 लाख SC आबादी हक से वंचित होने का आरोप
अमर कुमार बाउरी ने दावा किया कि झारखंड में करीब 50 लाख की SC आबादी को उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं में SC समाज की कोई स्पष्ट भागीदारी नहीं दिखती. यहां तक कि SC बच्चों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भेजने की मांग लंबे समय से लंबित है, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई.
ओबीसी आरक्षण को लेकर भी सवाल
नगर निकाय चुनावों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव न्यायालय के निर्देश पर कराए जा रहे हैं. पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण भी न्यायालय के माध्यम से लागू करने की मांग थी, लेकिन सरकार ने बिना डोर-टू-डोर सर्वे किए, केवल मतदाता सूची के आधार पर ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया, जो ओबीसी समाज के साथ भी अन्याय है.
संवैधानिक संस्थाओं के गठन में विफल सरकार
अमर कुमार बाउरी ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार अब तक बाल आयोग, महिला आयोग, SC आयोग और सूचना आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्थानों का गठन नहीं कर पाई है, जो संवैधानिक मान्यताओं का उल्लंघन है.
आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने मांग की कि नगर निकाय चुनावों में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए, ताकि सभी वर्गों को न्याय मिल सके. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार अपनी कमियों को दूर नहीं करती है तो दलित समाज बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधानिक प्रावधानों के तहत आंदोलन करने को मजबूर होगा.



