New Delhi: राजधानी दिल्ली में लगातार खराब होती हवा ने सरकार को फिर सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है. गुरुवार से दिल्ली के सभी सरकारी और निजी दफ्तरों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया गया है. यह आदेश प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने, सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने और अत्यधिक स्मॉग से होने वाले खतरे को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है. दिल्ली में नियम का उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर सरकार ने भारी जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है.
निर्माण रुकने वाले मजदूरों को मुआवजा मिलेगा
राजधानी में ग्रेप 3 और ग्रेप 4 स्तर के प्रतिबंध लागू होने से निर्माण गतिविधियों पर रोक लगी है, जिसके कारण हजारों निर्माण मजदूरों की आय बंद हो गई है. इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने घोषणा की है कि निर्माण कार्य बंद रहने से प्रभावित सभी पंजीकृत और वेरिफाइड मजदूरों के बैंक खातों में दिल्ली सरकार दस हजार रुपये प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से भेजेगी. यह राहत फिलहाल 16 दिन के अवरोध काल को ध्यान में रखकर दी जा रही है और आगे भी प्रतिबंध जारी रहने पर सरकार इसी आधार पर सहायता देगी.
क्यों जरूरी हुआ वर्क फ्रॉम होम
दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले एक सप्ताह से गंभीर श्रेणी में थी जिसके कारण सुबह का कोहरा जहरीले स्मॉग में बदल गया था. इससे सड़क हादसों, उड़ानों पर प्रभाव, रद्द हुई यात्री सेवाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य मामलों में तेजी आई. सरकार का मानना है कि दफ्तरों में उपस्थिति आधी कर देने से वाहन प्रदूषण में कमी होगी और पीक टाइम ट्रैफिक में स्मॉग के घनत्व को घटाने में सहायता मिलेगी.
दिल्ली का AQI अभी भी खतरे में
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार बुधवार सुबह दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 329 रिकॉर्ड किया गया जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. मंगलवार को हवा की गति बढ़ने और कोहरे में कमी के कारण प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी से नीचे सरका था और शहर का 24 घंटे का औसत AQI 354 दर्ज किया गया था. हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि हवा में घुले पीएम 10 और पीएम 2.5 कण अभी भी मानक से दोगुने स्तर पर मौजूद हैं, इसलिए राहत तात्कालिक है, स्थायी नहीं.
GRAP के तहत लागू सख्त पाबंदियां जारी
दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए GRAP IV लागू है. इस चरण में सबसे कठोर प्रतिबंध लगते हैं. इसके तहत निर्माण, डेमोलिशन, औद्योगिक धूल फैलाने वाले कार्य, ईंट भट्टों जैसी गतिविधियों पर रोक है. साथ ही दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि जिन वाहनों के पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट नहीं है, उन्हें ईंधन न दिया जाए. गैर दिल्ली पंजीकरण वाले BS VI से नीचे उत्सर्जन मानक वाले वाहनों का प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.
दिल्ली की ठंड अभी दौर में नहीं, प्रदूषण का कारण हवा
दिल्ली में अब तक कठोर ठंड और शीतलहर जैसी स्थिति नहीं आई है. इसलिए सुबह की धुंध पारंपरिक ठंड का परिणाम नहीं बल्कि हवा में घुले प्रदूषक कणों की वजह से अधिक घनी प्रतीत हो रही है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अगले दो दिनों तक मध्यम कोहरे का पूर्वानुमान दिया है. तापमान भी अभी सामान्य है जिससे प्रदूषण में स्थिरता बनी हुई है.
स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगी छूट
वित्तीय और प्रशासनिक संरचना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं, मेडिकल इमरजेंसी, अस्पतालों, एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम के नियम से छूट दी है. कपिल मिश्रा के अनुसार इमरजेंसी जरूरतों को रोकना सरकार का उद्देश्य नहीं है बल्कि हानिकारक वायु तत्वों के प्रसार को घटाना प्राथमिकता है.
दिल्ली की हवा अभी भी सामान्य होने से दूर
CPCB डेटा के मुताबिक सामान्य हवा तब मानी जाती है जब पीएम 10 का स्तर 100 से नीचे और पीएम 2.5 का स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम हो. लेकिन वर्तमान में दिल्ली का पीएम 10 औसतन 276 और पीएम 2.5 लगभग 167 है जो दोगुने से भी अधिक प्रदूषण का संकेत देता है.
हवा तेज होगी, सुधार फिर भी सीमित रहेगा
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने आशंका जताई है कि अगले दो दिनों में हवा की रफ्तार दिन में दस किलोमीटर की गति से अधिक रहेगी और दिन में हल्की धूप भी निकलेगी, जिससे प्रदूषक कणों का विसर्जन होगा. लेकिन विशेषज्ञ साफ कह रहे हैं कि दिल्ली की हवा अभी साफ नहीं होगी, सिर्फ ‘बहुत खराब’ श्रेणी में स्थिर रह सकती है.
नियम टूटे तो सख्ती तय
सरकार प्रदूषण को लेकर इस बार नरमी नहीं दिखाने की तैयारी में है. निर्देश हैं कि 50 प्रतिशत दफ्तर उपस्थिति नियम, पंजीकृत मजदूर राहत योजना और वाहन प्रतिबंध—इन सभी में उल्लंघन पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा.



