New Delhi:
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर हमले किये. उन्होंने चीन-पाकिस्तान की बढ़ती दोस्ती, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी खुलकर बात की. कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम है और उसे किसी की मदद की जरूरत नहीं है. जयशंकर ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा “वो कान खोलकर सुन लें. 12 अप्रैल से 22 जून तक एक भी फोन कॉल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच नहीं हुई. हमारे टार्गेट तय थे. हमने कार्रवाई की और यह भी साफ कर दिया कि भारत किसी की भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा. अगर बात होगी, तो वह डीजीएमओ चैनल के जरिये ही होगी. पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ से बात की और हमले रोकने की गुहार लगाई. " जयशंकर ने इतिहास का जिक्र करते हुए कहा, "कुछ लोग इतिहास को भूल जाना चाहते हैं. शायद यह उन्हें सूट नहीं करता. वे सिर्फ वही बातें याद रखना चाहते हैं जो उनके मन को भाए."
नेहरू की गलतियों को मोदी ने सुधारा
जयशंकर ने 1960 में जवाहरलाल नेहरू के संसद में दिए बयान को याद दिलाते हुए कहा कि, "30 नवंबर 1960 को नेहरू ने कहा था कि संसद को पानी की मात्रा या पैसे के लेन-देन पर फैसला नहीं करना चाहिए. लोगों ने इसका विरोध किया था. तब नेहरू ने कहा था कि यह संधि पाकिस्तानी पंजाब के हित में है. लेकिन उन्होंने कश्मीर, पंजाब, राजस्थान या गुजरात के किसानों के बारे में एक शब्द नहीं कहा." उन्होंने कहा कि यह संधि उस समय की गलत नीतियों का नतीजा थी, लेकिन कांग्रेस इतिहास से सबक लेने को तैयार नहीं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने नेहरू की गलतियों को सुधारने का काम किया है. उन्होंने साफ कहा कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन पूरी तरह बंद नहीं करता, यह संधि स्थगित रहेगी.
भारतीय सेना सक्षम है, किसी के साथ की जरूरत नहीं
एस जयशंकर ने कहा, भारतीय सेना को किसी के साथ की जरूरत नहीं है. वह खुद ही सक्षम है. उन्होंने नूर खान एयरबेस से लेकर तमाम आतंकी और सैन्य ठिकानों पर हमलों में हुई तबाही का जिक्र करते हुए कहा कि किसी का साथ की बात कहना सेना का अपमान होगा. चीन-पाकिस्तान गठजोड़ को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने चाइना और इंडिया की एक संधि बना ली थी, चाइंडिया. हो सकता है कि चीन पर मेरे यहां से कुछ कमी हो. जिस देश के साथ हमारा युद्ध हो चुका है, उसे आप स्ट्रैटेजिक पार्टनर का दर्जा कैसे दे सकते हैं. चीनी कंपनियों को निमंत्रण दिया 3जी, 4जी के लिए. 2006 में जब हू जिंताओ भारत आए थे, तब रीजनल ट्रेड बढ़ाने के लिए समझौता हुआ और टास्क फोर्स की घोषणा हुई. टेलिकॉम जैसे सेंसिटिव काम के लिए आपने चीनी कंपनियों को निमंत्रण दिया और आप राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं.



