रांची:
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. राज्य के कई जिलों में फर्जी आवेदकों ने इस योजना का लाभ उठाया है. जामताड़ा जिले में तो स्थिति और भी गंभीर है
,
जहां आधे से अधिक महिलाओं के आवेदन में गड़बड़ी पाई गई है.
जामताड़ा में पारा शिक्षक
,
होमगार्ड
,
मानदेय कर्मी
,
ठेका एवं आउटसोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारियों ने फर्जी तरीके से योजना का लाभ उठाया है. जिले में कुल
61
हजार लाभुकों में से
3 6
हजार के आवेदन संदिग्ध पाए गए हैं. वर्तमान में अपात्र लाभुकों की छंटनी का कार्य जारी है
,
और सत्यापन की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है.
सत्यापन में उजागर हुई गड़बड़ियां
अब तक सात प्रखंडों में सत्यापन किया जा चुका है
,
जिसमें
482
फर्जी लाभुकों की पहचान हुई है. सरकार ने इन फर्जी लाभुकों से
36.15
लाख रुपये की वसूली का निर्णय लिया है. अधिकारियों के अनुसार
,
वसूली के लिए बैंकों को पत्र भेजे जा रहे हैं
,
ताकि गड़बड़ी करने वालों से राशि वापस ली जा सके.
कौन-कौन से प्रखंड प्रभावित
?
नाला प्रखंड:
84
फर्जी लाभुक
नारायणपुर प्रखंड:
50
फर्जी लाभुक
कुंडहित प्रखंड:
61
फर्जी लाभुक
फतेहपुर प्रखंड:
75
फर्जी लाभुक
जामताड़ा शहरी क्षेत्र:
22
फर्जी लाभुक
जामताड़ा ग्रामीण क्षेत्र:
100
फर्जी लाभुक
करमाटांड प्रखंड:
90
फर्जी लाभुक
सख्त कार्रवाई के निर्देश
जामताड़ा के अंचल अधिकारी अविश्वर सोरेन ने बताया कि अब तक
500
लाभुकों की छंटनी हो चुकी है
,
और अन्य अपात्र लाभुकों की सूची तैयार की जा रही है. प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनसे राशि वसूली जाएगी.
सरकार अब इस योजना के लाभुकों की जांच को और कड़ा करने की योजना बना रही है
,
ताकि भविष्य में इस प्रकार की धांधली को रोका जा सके. मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं की आर्थिक सहायता करना है
,
लेकिन फर्जी लाभार्थियों की वजह से इस योजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं.





