चाईबासा हिंसा के विरोध में कोल्हान बंद का ऐलान, चंपई सोरेन बोले - “जनता पर लाठीचार्ज बर्दाश्त नहीं”

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (28)-aVqDlb2Jna.jpg

Chaibasa: चाईबासा के तांबो चौक में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प के बाद पूरे कोल्हान क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. घटना की निंदा करते हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने बुधवार, 29 अक्टूबर को कोल्हान बंद का आह्वान किया है. चंपई सोरेन ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि “सरकारी उदासीनता और जनता की आवाज को दबाने की कोशिश ने हालात को इतना बिगाड़ दिया कि शांति की जगह अब सड़कों पर आग और धुआं नजर आ रहा है.”

दरअसल, सोमवार दिन में ग्रामीणों का नो-एंट्री आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था. उनकी मांग थी कि दिन के समय एनएच-220 और चाईबासा बाईपास पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इनकी तेज रफ्तार से लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं. मगर देर रात स्थिति तब बिगड़ गई जब पुलिस ने धरना स्थल से ग्रामीणों को हटाने की कोशिश की. इसके बाद माहौल अचानक हिंसक हो गया - दोनों पक्षों के बीच पथराव, लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले तक की नौबत आ गई.

इस झड़प में कई लोग घायल हो गए, जबकि सदर एसडीपीओ बाहमन टूटी की स्कॉर्पियो गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई. देर रात पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया, लेकिन मंगलवार सुबह तक तांबो चौक और आसपास के इलाकों में तनाव बना रहा. सड़कों पर पड़े पत्थर, टूटे डंडे और क्षतिग्रस्त वाहन रात की हिंसा की गवाही दे रहे थे. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी मांगें वर्षों से अनसुनी की जा रही हैं. एक ग्रामीण ने कहा, “अगर प्रशासन ने पहले ही हमारी बात सुनी होती, तो आज यह स्थिति नहीं आती.”

इस बीच, चंपई सोरेन ने चेतावनी दी, “यह आंदोलन जनता के हक की लड़ाई है. जनता पर लाठीचार्ज किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा.” कोल्हान बंद की घोषणा के बाद पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है.

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