भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज़ का पहला मैच रांची के JSCA स्टेडियम में खेला गया, जहां टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए मजबूत प्रदर्शन किया. भारत ने 25 रन पर पहला विकेट खो दिया-यशस्वी जायसवाल 18 रन बनाकर पवेलियन लौटे. इसके बाद रोहित शर्मा और विराट कोहली ने पारी को संभाला.
रोहित ने लगातार तीसरे मैच में 50+ स्कोर बनाया और शाहिद अफरीदी का एक बड़ा रिकॉर्ड भी पीछे छोड़ दिया. उन्होंने 43 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और 51 गेंदों पर 57 रन बनाकर आउट हुए. दूसरी ओर, विराट कोहली ने 48 गेंदों में पचासा पूरा किया और फिर शानदार अंदाज़ में आगे बढ़ते हुए सिर्फ 102 गेंदों में शतक जड़ा. उन्होंने 120 गेंदों पर 135 रन की बेहतरीन पारी खेली, जिसमें 11 चौके और 7 छक्के शामिल थे.
कोहली, रोहित और कप्तान केएल राहुल के अर्धशतक की बदौलत भारत ने दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 350 रनों का विशाल लक्ष्य दिया. जवाब में अफ्रीकी टीम 200 रन से पहले ही आधी ढेर हो गई और अंततः भारत ने मुकाबला 17 रनों से अपने नाम किया.
2013 की यादें ताज़ा: JSCA में रोहित का बतौर ओपनर पहला कदम
इस मैच की खास बात यह भी रही कि JSCA स्टेडियम रोहित शर्मा के करियर के एक अहम मोड़ की याद दिलाता है. वर्ष 2013 में इसी मैदान पर रोहित पहली बार फुल-टाइम ओपनर के रूप में उतरे थे. यह फैसला कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का था, जिसने न सिर्फ रोहित के व्हाइट-बॉल करियर को नई दिशा दी, बल्कि भारतीय ODI रणनीति को भी बेहद प्रभावित किया.
लगभग एक दशक बाद 38 वर्षीय रोहित फिर रांची लौटे-इस बार टीम को नए सिरे से पुनर्निर्माण की राह पर ले जाने के उद्देश्य से, खासकर घरेलू टेस्ट सीरीज़ में मिली हार के बाद और अगले साल होने वाले T20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए.
23 अक्टूबर 2013 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए उस मैच में रोहित और शिखर धवन एक साथ ओपनिंग करने उतरे थे. रोहित 9 और धवन 14 रन बनाकर नाबाद लौटे, लेकिन बारिश के कारण परिणाम नहीं निकल सका. ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 295 रन बनाए थे.




