Ranchi:
वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट भवन में बजट पूर्व संगोष्ठी का आयोजन हुआ. संगोष्ठी में
कृषि
,
सिंचाई
,
वन पर्यावरण
,
ग्रामीण विकास
,
आजीविका मिशन
,
नगर विकास
,
पर्यटन
,
उद्योग
,
खा
न एवं भूतत्व
,
श्रम एवं कौशल विकास के क्षेत्र में एक्सपर्ट लोगों ने अपने-अपने सुझाव दिये.
वित्तमंत्री
ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने
2025-26
के बजट को अबुआ बजट का नाम दिया है
.
इस बजट में झारखंड के जंगलों
,
दूर-दराज में रहने वाले गरीब लोगों
,
किसानों
,
राज्य के हर तबके
,
जाति
,
धर्म के लोगों के हितों को ध्यान में रख कर योजनाएं शामिल की जाएगी. लोगों के चेहरे पर खुशहाली ला सके
,
ऐसा बजट हम तैयार करेंगे. इसलिए आम लोगों से रायशुमारी ली जा रही है. सरकार को कई बहुमूल्य सुझाव प्राप्त हुए हैं. उन बहुमूल्य सुझावों को
2025-26
के बजट में शामिल करने का प्रयास रहेगा.
वित्तमंत्री का राजस्व बढ़ाने पर जोर
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि हमारा बजट राज्य की संस्कृति
,
भौगोलिक व्यवस्था
,
यहां रहने वाले लोगों की परंपराओं को ध्यान में रख कर तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह इस राज्य का
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वां बजट होगा जहां राज्य की कई चुनौतियां हमारे समक्ष है. हम उन दृष्टिकोण को ध्यान में रख कर बजट तैयार करेंगे जिससे झारखंड का आर्थिक
,
सामाजिक एवं भौगोलिक विकास हो सके. उन्होंने कहा कि बजट की मॉनिटरिंग भी होनी जरूरी है ताकि बजट में जो योजनाएं शामिल की गई उसकी धरातल पर क्या स्थिति है उसका पता चल सके. उन्होंने राजस्व बढ़ाने पर भी जोर दिया .
सतही जल बचाने की जरूरत
मंत्री ने सतही जल को बचाने पर जोर देते हुए कहा कि झारखंड में वर्षा जल के संचयन पर हमें ध्यान देने की ज़रूरत है ताकि बारिश का जो जल नदी
,
नालों के जरिये बह जाता है उसे बचाया जा सके ताकि उससे सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध हो और भूगर्भीय जल में भी सुधार आए. झारखंड में सुखांत की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए भी यह जरूरी है. इसका भी ध्यान इस बजट में रखा जाएगा. उन्होंने ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर कहा कि कृषि के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है
,
इसलिए कृषि विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग को आगामी अबुआ बजट में महत्वपूर्ण स्थान दिया जाएगा. उन्होंने हॉर्टिकल्चर के माध्यम से भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बल दिया .
जंगलों में कनेक्टिविटी मजबूत हो
राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि जंगल में रहने वालों को तो वनपट्टा मिल जाता है परंतु कनेक्टिविटी की कमी के कारण उस क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाती है. प्रयास करें वहां तक पहुंचने के लिए सड़कें हों . उन्हें ग्राम सभा के माध्यम से बेसिक नीड्स उपलब्ध कराने पर जोर दें साथ ही महुआ आधारित शराब बनाने पर जोर दे ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले.
झारखंड को विकास के पथ पर लेकर जाएगा आगे
:
दीपिका
ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि आगामी बजट में झारखंड की महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया जाएगा. जेएसएलपीएस से करीब
32
लाख महिलायें जुड़ी हुई है. महिलाओं को मइयां सम्मान योजना के माध्यम से दी जा रही आर्थिक सहायता को इकोनॉमिक एंगेज्ड कर उन्हें कैसे मदद दी जाए ताकि वे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़े इस पर विभाग का फोकस है आगामी बजट में महिलाओं को फाइनेंशियली ट्रेंड कर उन्हें कैसे रोजगार से जोड़ा जाए इसे ध्यान में रखा जा रहा है. ग्रामीण महिलाओं को अर्बन मार्केट से कनेक्ट करने का प्रयास किया जाएगा साथ ही ग्रामीण इलाकों में रूरल ड्रिंकिंग वाटर के छोटे छोटे प्रोजेक्ट को भी शामिल करने पर जोर दिया जाएगा. ग्रामीण इलाकों में सोलर एनर्जी को भी बढ़वा दिया जाएगा .
प्राप्त सुझावों पर प्रस्ताव किया जाएगा तैयार
जल संसाधन विभाग सह वित्त विभाग के प्रधान सचिव प्रशांत कुमार ने बताया कि सिंचाई के क्षेत्र में झारखंड के किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने हेतु कई सुझाव प्राप्त किए गए. पुराने सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने
,
वाटर बॉडीज़ को मजबूत करने के साथ साथ गांव में नए तालाब बनाने पर जोर दिया जाएगा. सोलर बेस्ड इरिगेशन
,
माइनर इरिगेशन को ध्यान में रख कर आगामी बजट में प्रावधान किया जाएगा. सिंचाई के लिए मुख्यत
:
तीन विभाग कार्य करते हैं जिसमें ग्रामीण विभाग से सिंचाई कूप के लिए बिरसा सिंचाई कूप की योजना ली गई है जो की काफी सफल रही है. जिसमें किसानों को इसके जरिए काफी लाभ पहुंचा है. साथ ही वाटर शेड स्कीम की कई योजनाओं को लिया गया है. कृषि विभाग भी किसानों को सिंचाई की सुविधा के लिए सोलर पम्प
,
माइक्रो इरिगेशन सिस्टम उपलब्ध कराता है. उन्होंने बताया कि जल संसाधन की कई योजनाओं पर काम चल रहा है साथ ही आगामी बजट में
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से अधिक छोटी बड़ी योजनाओं को शामिल किया जाएगा. पर्यटन के क्षेत्र से प्राप्त सुझावों पर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि टूरिज्म के क्षेत्र से झारखंड इकॉनमी को गति मिलेगी साथ ही रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. खनन के क्षेत्र से राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने पर जोर रहेगा. उन्होंने बताया कि
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कोल ब्लॉक का आवंटन हो गया है इसकी उच्च स्तर पर समीक्षा की जायेगी .
बजट पूर्व संगोष्ठी में आये एक्सपर्ट के सुझाव
प्रेम शंकर
ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना पर जोर दिया जाए.नेचुरल फार्मिंग करने की जरूरत है. झारखंड मिलेट्स को बजट में शामिल किया जाए. लाह की खेती पर जोर दिया जाए जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके. आने वाले
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वर्षों के बाद
2050
में झारखंड कैसा होगा इस पर एक विज़न डाक्यूमेंट्री बनाने की जरूरत बताई. सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए.
प्रोफेसर देवनाथन
ने कहा कि ग्राम सभा को बजट में ध्यान रखा जाए.इसमें जंगल मित्र का प्रावधान किया जाए ताकि जंगल का प्रबंधन हो सके और एक जिला एक
प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जाए और उसकी ब्रांडिंग की जाए ताकि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो.
धीरज दानियाल होरो
ने रूरल इकॉनमी पर जोर देते हुए प्रोडक्ट की वैल्यू एडिशन और फ़ूड प्रोसेसिंग की
जरूरत बताई.
शैलेंद्र कुमार
ने कहा कि राज्य के ग्रामीण युवाओं के लिए स्किल प्रोग्राम को इस बजट में शामिल किया जाए. गांव में जाकर युवाओं को ट्रेनिंग दी जाए साथ ही महिलाओं के लिए भी विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण देने की जरूरत बताई .
अमिताभ घोष
ने एक्सपीरियंस टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही. जुडको द्वारा राज्य के शहरों में किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला गया. शहरों में वाटर सप्लाई
,
सैनिटेशन
,
ट्रांसपोर्टेशन
,
आदि पर चर्चा की गई .
योजना एवम् विकास विभाग के सचिव मस्त राम मीना ने भी अपने विचार रखे. कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीक़ी ने कहा कि आगामी बजट में रूरल इकॉनमी जेनरेट करने का प्रयास रहेगा. सॉइल कांजेर्वेशन
,
तालाब का प्रावधान इस बजट में किया जाए. अंडा उत्पादन में हम आत्मनिर्भर हो इस बजट में इसका प्रयास रहेगा . सचिव ग्रामीण विकास विभाग के श्रीनिवासन ने कहा कि महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में काम हो रहा है. स्वयं सहायता समूह द्वारा उन्हें क्रेडिट लिंकेज दिया जा रहा है. बिरसा हरित ग्राम योजना से उन्हें मजबूत किया जा रहा है. इस अवसर पर सभी संबंधित विभागों के अधिकारी
,
संबंधित क्षेत्र से आए विशेषज्ञ सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे .





