स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का विवादित बयान - “बीएलओ SIR करने आए तो बांधकर रखें”

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism (2)-2ltSD17N4l.jpg

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने रविवार को ‘सेवा के अधिकार सप्ताह’ के दौरान एसआईआर (SIR) को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दावा किया कि एसआईआर के बहाने भाजपा लोगों को घुसपैठिया करार देकर वोटर सूची से नाम हटाने की साजिश कर रही है. इसी संदर्भ में उन्होंने लोगों से एसआईआर का विरोध करने की अपील की और विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि बीएलओ जानकारी लेने घर पहुंचे, तो उन्हें “बांधकर रख लें.”

इरफान अंसारी ने आरोप लगाया कि बिहार में इसी प्रक्रिया के तहत करीब 65 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए, जिससे महागठबंधन को लगभग 80 विधानसभा सीटों का नुकसान हुआ. उनके अनुसार इस कार्रवाई से बड़ी संख्या में नागरिक न सिर्फ मतदान के अधिकार से वंचित हुए, बल्कि उनकी नागरिकता पर भी सवाल खड़ा कर दिया गया. उन्होंने चेतावनी दी कि इसी मॉडल को पहले बंगाल और फिर झारखंड में लागू करने की तैयारी चल रही है.

मंत्री ने कहा कि वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए कई तरह के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जिन्हें हर व्यक्ति उपलब्ध नहीं करा सकता. ऐसे में नाम कटने की आशंका बढ़ जाती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ मुसलमानों का नहीं, बल्कि आदिवासी, दलित, पिछड़े सहित सभी कमजोर वर्गों का मुद्दा है, जैसा कि बिहार में देखने को मिला.

भाजपा का पलटवार
भाजपा जिला अध्यक्ष सुमित शरण ने मंत्री के बयान को भ्रामक और सनसनी फैलाने की कोशिश बताया. उन्होंने कहा कि इरफान अंसारी एसआईआर को लेकर बिना सही जानकारी के गलत बातें कर रहे हैं. शरण के अनुसार, जामताड़ा जिला प्रशासन एक राजनीतिक दल के पक्ष में काम करता दिखाई दे रहा है, और उपायुक्त की उपस्थिति में ऐसे आरोप लगाना बेहद चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि बीएलओ भाजपा कार्यकर्ता नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारी होते हैं और वे सिर्फ प्रशासनिक निर्देशों के तहत काम करते हैं.

वोटर लिस्ट को लेकर चिंता
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि झारखंड में बड़ी आबादी ऐसी है जिनके पास दस्तावेज नहीं होते, और कई लोग सिर्फ मतदाता पर्ची देखकर मतदान करते हैं. उन्होंने दावा किया कि दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में उनके नाम काटे जा सकते हैं और उन्हें घुसपैठिया तक करार दिया जा सकता है. उनका आरोप है कि भाजपा अपने समर्थकों के नाम जोड़कर और विरोधियों के नाम हटाकर वोटर लिस्ट प्रभावित करने की कोशिश कर रही है.

बिहार का उदाहरण देते हुए मंत्री का दावा
इरफान अंसारी ने बताया कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान 65 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए, जबकि 22 लाख नए नाम जोड़े गए. उनका कहना है कि नए नाम उन लोगों के जोड़े गए जो बाहर से आकर भाजपा को वोट देने वाले हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में अभी एसआईआर लागू नहीं हुआ है, लेकिन राजनीतिक तनाव पहले ही देखने को मिल रहा है.

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