शुक्र मनाइये ये झारखंड है, यूपी होता तो ‘संस्कार’ मिनटों में सिखा देती सरकार

The verdict in Malegaon blast case came after 17 years, all 7 accused including Sadhvi Pragya Thakur were acquitted, BJP said Congress should answer saffron terrorism-zLNWPZPuH4.jpg

शुक्र मनाइये की ये झारखंड है. सरकार सह ले रही. यूपी होता तो कर लेते योगी बाबा के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी? बुलडोजर न चल जाता. थाने में दम भर कुटाई न हो जाती. झारखंड की एक आदिवासी लड़की पिछले 24 घंटे से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, सरकार के मंत्री दीपक बिरुआ और पुलिस के खिलाफ सोशल मीडिया पर खूब जहर उगल रही है. ये हैं बाइकर्स गर्ल कंचन उगुरसंडी जिन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए हैं. लेकिन घाटशिला उपचुनाव के वक्त से कंचन के सोशल मीडिया प्रोफाइल एक्स से सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खूब टारगेट किया जा रहा है. अबतक शब्दों की मर्यादा टूटी नहीं थी, लेकिन अब मर्यादा टूट चुकी है. कंचन ने 17 नवंबर को एक अखबार का कतरन अपने एक्स प्रोफाइल पर अपलोड किया. इसके साथ उन्होंने एक पोस्ट डाला, जिसमें सीएम हेमंत सोरेन और मंत्री दीपक बिरुआ के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया गया. कंचन ने लिखा “ऐसे कैसे सुधरेगी ट्रैफिक व्यवस्था? पूरा सिस्टम कोलैप्स कर गया है. परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ हंडिया पी ही रहे हैं, जिला प्रशासन वोदका. बात रही रांची पुलिस की तो वह इनके दारू चखने के इंतजाम में वसूली कर रही है.”

कंचन के इस पोस्ट पर कई यूजर्स ने कमेंट किया और नसीहत दी कि आपको अपनी बात रखने का हक है, लोकतंत्र खुली जुबान देता है. गंदी जुबान नहीं. इसलिए आलोचना मर्यादा में रहकर करें. इस बीच मंत्री दीपक बिरुआ ने भी कंचन संस्कार सीखने नसीहत दी. उन्होंने कहा कि मैं तो आपको संस्कारी और झारखंड की संस्कृति को समझने वाली समझता था, लेकिन आप निहायत ही निःसंस्कारी हैं. मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस व्यवस्था तक से इस लहजे में बात करने की अनुमति न संस्कार देती है ना ही सरकार और ना ही समाज.” मंत्री ने झारखंड पुलिस को निर्देश दिया कि बिटिया यानी कंचन को जल्द से जल्द संज्ञान लेकर संस्कार सिखायें, ताकी और कोई बेटी ऐसे निचले संस्कार लेकर समाज में न रहे. 

मंत्री की चेतावनी के बाद कंचन का ऐसा इगो हर्ट हुआ कि उन्होंने तो एक्स पर मंत्री को उल्टे सलाह देना शुरू कर दिया कहा, मंत्री जी मुझे धमकाना बंद करें और संविधान द्वारा सौंपे गए अपने कर्तव्य का पालन करें. आपने झारखंड पुलिस को मेरे ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए टैग किया है, वे ट्विटर पर मुझे फ़ॉलो करते हैं. झारखंड पुलिस सोशल मीडिया पर मेरी कंटेंट राइटिंग से अच्छी तरह वाकिफ़ हैं. एक बार फिर कह रही हूं झारखंड पुलिस, झारखंड सरकार और आपकी तरह ही अक्षम है. बिल्कुल बेकार. सोशल मीडिया पर आपके बकवास आदेश पर वे मुझ पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे. देश की सबसे खराब सरकार, सबसे खराब मंत्रिमंडल और सबसे खराब पुलिस. मुझे धमकी मत दीजिए.

इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से लेकर बीजेपी के कई छुटभैये नेता भी कंचन के समर्थन में सोशल मीडिया पर कूद पड़े और उनके अमर्यादित शब्दों की सराहना भी करने लगे. समर्थन क्या मिला कि कंचन का जोश हाई हो गया. अगला पोस्ट उन्होंने किया “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, आपका परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की जगह झारखंड की इस गरीब गुरबा शोषित वंचित आदिवासी बेटी को पुलिस का डर दिखाकर धमका रहा है. मैं कहां जाऊं किससे गुहार लगाऊँ झारखंड पुलिस हमारी सुनती नहीं है. मंत्री जैसे संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाते हुए कंचन तू-तड़ाक पर उतर आईं. इसके बाद भी उन्होंने कई पोस्ट और कई रिप्लाई किये, लेकिन सरकार, मंत्री और पुलिस की ओर से कई प्रतिक्रिया नहीं आई. सबने कंचन को इग्नोर कर दिया. सोचिये झारखंड और यहां के जनप्रितनिधियों में कितनी सहनशक्ति है कि मंत्री के आदेश के 24 घंटे बाद भी बिटिया सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी का पूरा इस्तेमाल कर रही हैं. क्या यूपी होता तो अमर्यादित अभिव्यक्ति की आजादी इतनी देर चलती?

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