“हेमंत ने जिसे भस्मासुर बनने का आशीर्वाद दिया, उसने ही ‘जलाने’ का इंतजाम कर दिया”… बाबूलाल ने सीएम से कहा- अनुराग गुप्ता तो आपकी कब्र खोद गए!
- Posted on November 8, 2025
- झारखंड
- By Bawal News
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अनुराग गुप्ता, एक ऐसे आईपीएस ऑफिसर जो हमेशा विवादों में रहे. भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े आरोप उनपर लगे. 2016 के राज्यसभा चुनाव में जब वे एडीजी थे तब हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा. उस वक्त सरकार थी बीजेपी की, लेकिन जैसे ही बीजेपी की सरकार गई वे हो गये जेएमएम के करीबी. हेमंत सोरेन के इतने करीबी की यूपीएससी के नियमों को दरकिनार कर उन्हें डीजीपी पद पर बैठा दिया गया. यानी सरकार किसी भी रही हो गुप्ता अपनी सेटिंग बड़ी अच्छी तरह कर लेते थे. हेमंत सरकार में डीजीपी बनाये जाने के बाद से वे लगातार बीजेपी के निशाने पर थे. सरकार के सहयोगी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी भी उनपर करप्शन और घूसखोरी का आरोप लगा चुके हैं. अब अनुराग गुप्ता ने डीजीपी पद से इस्तीफा भी दे दिया है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस ने गुप्ता को चैन की नींद नहीं सोने देने का ठान लिया है. त्रिपाठी ने कहा है कि इस्तीफा देने से पहले सरकार को अनुराग गुप्ता को बर्खास्त करना चाहिए. झारखंड बनने के बाद आज तक इतना करप्ट डीजीपी कभी नहीं बना. कोयला और शराब के सिंडिकेट से धन उगाही और अपराधियों से सांठगांठ रखने वाले ऐसे आईपीएस को जेल में होना चाहिए.
उधर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने त्रिपाठी के बयान को लेकर एक बार फिर अनुराग गुप्ता औऱ हेमंत सरकार को घेरा है. बाबूलाल ने कहा कि, “हेमंत जी अनुराग गुप्ता जैसा भ्रष्ट डीजीपी झारखंड बनने के बाद कभी बना ही नहीं था.” सोशल मीडिया पर घूम रहा ये वीडियो न्यूज़ किसी विरोधी दल के नेता का नहीं, बल्कि आपके साथ सरकार में शामिल प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री का है, जो अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता को पद से हटाने के कई दिनों पहले का है. यह तो एक सैम्पल है. जब सत्ताधारी दल का व्यक्ति भी किसी अधिकारी पर भ्रष्टाचार के इतने गंभीर आरोप लगा रहा है, तो ये सहज समझा जा सकता है कि उसने कैसे और कितने एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचार और अपराध किये होंगे?”
बाबूलाल ने आगे कहा, “सुना तो यह भी जा रहा है कि जिस अवैध डीजीपी को आपने भस्मासुर बनने का आशीर्वाद दिया था, उसने आपको ही जलाने के इंतजाम करने का काम फिर से शुरू कर दिया है. भले ही आप थोड़े देर के लिए बच गए हैं, लेकिन जनता अभी भी आपके कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. ऐसा लगता है आपने सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे का फॉर्मूला अख्तियार किया है. मुख्यमंत्री जी,जनता बहुत समझदार होती है. लगातार मेरे द्वारा अवैध डीजीपी के खिलाफ आवाज उठाने पर भी आपके ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. सदन से सड़क तक आवाज उठाई गई लेकिन आप अपनी जिद्द पर अड़े रहे. मामला न्यायालय तक गया लेकिन आप अपने हठ पर डटे रहे. और जब आपका पाला पोसा हुआ ये अपराधी प्रवृत्ति का आदमी अंदर-अंदर आपका ही कब्र खोदने लगा तो आपकी नींद खुली है.“
बाबूलाल ने कहा, “मुख्यमंत्री जी, ऐसे तो नदी में बहुत पानी बह चुका है लेकिन थोड़ी बहुत अगर पद की गरिमा और साख की चिंता आपको है तो अवैध डीजीपी रहे अनुराग गुप्ता के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच कराने की हिम्मत दिखाइए. जनता आपसे यह चाहती है. जिस अवैध डीजीपी को इस्तीफा देने की नौबत आ गई उसे आप इतनी आसानी से भय मुक्त आख़िर कैसे कर देंगे? झारखंड की ब्यूरोक्रेसी में अच्छे अफसर भी भरे पड़े हैं. इनसबों के बीच इस बात की चर्चा है कि झारखंड में राज्य सेवा से लेकर कई आईएएस अफसर भ्रष्टाचार के लिये जेल की हवा खा चुके हैं, लेकिन एक भी भ्रष्टाचारी आईपीएस या पुलिस अफसर पर न तो कार्रवाई हुई न ही कोई जेल गया. जबकि अगर ठीक से जॉंच हो जाय तो उजागर हो जायेगा कि कुछ पुलिस अफ़सरों ने राज्य में भ्रष्टाचार का कैसा-कैसा कीर्तिमान बना रखा है? जांच बैठाइए मुख्यमंत्री जी, नहीं तो मेरी बात लिखकर रख लीजिये कि ऐसे और कई लोग आपके इर्द-गिर्द अभी भी घूम रहे हैं, जो आपको बराबर डर दिखाते रहेंगे और आगे ब्लैकमेल करेंगे आपको. हेमंत जी एकबार हिम्मत दिखाइए.“
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