नीतीश फिर बिहार के BIG BOSS!, महागठबंधन बाउंड्री पार... प्रशांत किशोर, तेजप्रताप और मुकेश सहनी का बस्ता पैक

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बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सीटों पर काउंटिंग जारी है. रुझानों के मुताबिक, जेडीयू और बीजेपी 243 में से 196 सीटों पर आगे चल रही है.  महागठबंधन सिर्फ 42 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. हालांकि राघोपुर सीट पर तेजस्वी यादव आगे चल रहे हैं, लेकिन महुआ विधानसभा सीट पर लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव पीछे चल रहे हैं. शुरुआती रुझान के बाद जेडीयू और बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस बीच जेडीयू ने एक्स पर लिखा, “नीतीश कुमार ने जंगलराज, भ्रष्टाचार, परिवारवाद और विपक्ष के अहंकार, इन सबको बिहार की राजनीति की सीमा के बाहर धकेल दिया है. यही है सुशासन का असली प्रभाव, और यही है बिहार का आत्मविश्वास.“

196 सीटों पर NDA आगे

दोपहर 1 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार NDA 243 सीटों में 196 सीटों पर आगे था, जबकि महागठबंधन लगभग 42 सीटों पर ही बढ़त बनाए हुए था. NDA के घटक दलों में BJP 88 सीटों, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) 78 सीटों, सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 22 सीटों, हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (से) 5 और राष्ट्रीय लोक मार्चा 3 सीटों पर आगे है. जबकि महागठबंधन में RJD 32 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. कांग्रेस 4 और भाकपा माले (5) सीटों पर आगे है. 

कांग्रेस ने किया निराश

अभी तक के जो रुझान सामने आए हैं उसने कांग्रेस को काफी निराश किया है. कांग्रेस ने इस बार के 61 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि उसे केवल 5 सीटें मिलती दिख रही हैं. कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन पर अब उनके नेता ही सवाल उठाने लगे हैं.  शुरुआती रुझानों के बाद ही पार्टी के कई नेताओं ने हार का कारण संगठनात्मक कमजोरी, जमीनी स्तर पर अपर्याप्त तैयारी और गलत उम्मीदवार चयन को बताया. उन्होंने कहा कि कई योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज किया गया, जिससे पार्टी की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित हुई.

प्रशांत किशोर फुस्स

बिहार विधानसभा चुनाव में जनसुराज का बस्ता पैक लग रहा है. प्रशांत किशोर ने जिस तरह बिहार में माहौल बनाया था उसके विपरीत बिहार में जनसुराज का खाता खुलना मुश्किल लग रहा है. प्रशांत किशोर ने 150 सीटों पर जीत का दावा किया था, लेकिन रुझानों के मुताबिक जनसुराज ज्यादातर सीटों पर चौथे या पांचवें स्थान पर सिमटती दिख रही है.  शुरुआती रुझानों में तीन से चार सीटों पर उनकी पार्टी लीड कर रही थी। लेकिन जैसे जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ रही है जनसुराज पिछड़ती नजर आ रही है। किसी एक सीट पर भी प्रशांत किशोर की पार्टी बढ़त बनाती हुई नजर नहीं आ रही है। बता दें कि प्रशांत किशोर ने पिछले 3 साल में पूरे बिहार में बेजोड़ मेहनत की थी और उन्होंने प्रदेश की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन फिलहाल एक सीट भी उन्हें मिलना मुश्किल लग रहा है.

वीआईपी का खाता नहीं खुलेगा!

बिहार में महागठबंधन की सरकार और खुद डिप्टी सीएम बनने का सपना देख रहे मुकेश सहनी का ख्वाब भी टूट चुका है. मुकेश सहनी की पार्टी का अब तक एक भी सीट पर खाता खुलता दिखाई नहीं दे रहा है. वीआईपी पार्टी रूझानों से लेकर नतीजों तक दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रही है.  यह महागठबंधन के लिए भी बड़ा झटका है, जिसने वीआईपी पर भरोसा किया था. यहां तक कि तेजस्वी यादव ने चुनाव जीतने पर मुकेश सहनी को सरकार में डिप्टी सीएम पद देने का ऐलान किया था.

तेजप्रताप का भी बस्ता पैक!

तेजप्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल भी जीरो पर आउट होने की स्थिति में नजर आ रही है. सातवें राउंड के रुझान तक तो ऐसा लग रहा है कि लालू के बड़े लाल तेज प्रताप यादव की जमानत जब्त हो जाएगी. तेजप्रताप 14 से 15 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन महुआ में खुद उनकी ही हालत खराब है. दूसरे सीटों पर जेजेडी के उम्मीदवार काफी पीछे चल रहे हैं.

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