Election Counting: बिहार में एनडीए की बढ़त और घाटशिला में झामुमो आगे

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आज जहां बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सभी की नजरें टिकी हैं, वहीं झारखंड की घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की मतगणना भी जारी है. राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी अपने चरम पर है. बिहार से मिल रहे शुरुआती रुझानों ने एनडीए समर्थकों में जबरदस्त उत्साह भर दिया है. दूसरी ओर, घाटशिला से आ रहे ताज़ा रुझान झामुमो खेमे को उत्साहित कर रहे हैं.

बिहार में एनडीए बड़े बहुमत की ओर बढ़ता दिख रहा है, जिससे झारखंड भाजपा भी जश्न की तैयारी में है. वहीं घाटशिला उपचुनाव में झामुमो के उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन बढ़त बनाए हुए हैं, जिससे झामुमो समर्थक भी खुशी में झूम रहे हैं. ऐसे में दोनों दलों के लिए आज का दिन राजनीतिक रूप से बेहद अहम साबित हो सकता है.

सुबह 8 बजे शुरू हुई मतगणना
घाटशिला उपचुनाव की मतगणना शुक्रवार सुबह 8 बजे शुरू हुई. लगभग 9 बजे से रुझान आने लगे. जमशेदपुर स्थित को-ऑपरेटिव कॉलेज परिसर को मतगणना के लिए पूरी तरह सील कर दिया गया है. केवल अधिकृत उम्मीदवार और उनके एजेंट ही अंदर जा सकते हैं.

मतगणना के लिए 15 टेबल लगाए गए हैं और 20 राउंड में वोटों की गिनती पूरी होगी. हर टेबल पर एक पर्यवेक्षक, एक सहायक और एक माइक्रो ऑब्जर्वर मौजूद हैं. अनुमान है कि दोपहर बाद तक अंतिम परिणाम साफ हो जाएंगे. इस बीच भाजपा और झामुमो दोनों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है.

उपचुनाव का कारण और उम्मीदवार
यह उपचुनाव झामुमो के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के आकस्मिक निधन के कारण कराया गया. 11 नवंबर को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न हुआ, जिसमें शाम 5 बजे तक 74.63% मतदान दर्ज किया गया.

इस बार मुकाबला भाजपा और झामुमो के बीच बेहद कड़ा माना जा रहा है. भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को टिकट दिया है, जबकि झामुमो ने दिवंगत विधायक रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन को उम्मीदवार बनाया है. 2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन ने बाबूलाल सोरेन को हराया था—रामदास को 98,356 और बाबूलाल को 75,910 वोट मिले थे.

नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
यह चुनाव केवल दो प्रत्याशियों की लड़ाई नहीं, बल्कि कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमेश सोरेन के लिए प्रचार की कमान खुद संभाली, जबकि भाजपा उम्मीदवार के समर्थन में पांच पूर्व मुख्यमंत्री तथा ओडिशा के मुख्यमंत्री तक चुनावी सभाएँ करने पहुंचे.

घाटशिला सीट पर राजनीतिक समीकरण वर्षों से बदलते रहे हैं. 2005 में कांग्रेस के प्रदीप कुमार बलमुचू जीते, 2009 और 2019 में झामुमो के रामदास सोरेन विजयी रहे. 2014 में भाजपा के लक्ष्मण टुडू ने जीत दर्ज की. 2024 में एक बार फिर रामदास सोरेन विजयी रहे और बाबूलाल सोरेन दूसरे स्थान पर रहे.

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